Rajasthan New Tunnel: राजस्थान में यात्रियों की सुविधा को बेहतर बनाने और यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से एक नई सुरंग बनाई जा रही है। यह सुरंग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगी और आधुनिक तकनीक से लैस होगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1 हजार करोड़ रुपये है। यह सुरंग 3.3 किलोमीटर लंबी और 38 मीटर चौड़ी होगी, जिससे यातायात के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।
हाई टेक सुविधाओं से लैस होगी सुरंग
यह नई सुरंग आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी, जिसमें सुरक्षा और ट्राफिक मैनेजमेंट को प्राथमिकता दी जाएगी। सुरंग में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो दोनों ओर बनाए गए कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। ये कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सर्विलांस सिस्टम से संचालित होंगे, जिससे हर ऐक्टिविटी पर नजर रखी जा सकेगी।
स्काडा कंट्रोल सिस्टम से होगी निगरानी
सुरंग की सुरक्षा और ट्राफिक मैनेजमेंट को और अधिक असरदार बनाने के लिए इसे स्काडा कंट्रोल सिस्टम (SCADA Control System) से जोड़ा जाएगा। यह प्रणाली वाहनों की गति सीमा, यातायात की स्थिति और अन्य गतिविधियों की निगरानी करने में मदद करेगी। इसके अलावा, सुरंग में प्रदूषण का स्तर बनाए रखने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
वन्यजीवों की सुरक्षा का भी रखा जाएगा ध्यान
पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरंग के दोनों ओर 1.6 किलोमीटर का विशेष क्षेत्र निर्धारित किया गया है। इस योजना के तहत वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने और उनके आवागमन को सुविधाजनक बनाने की योजना बनाई गई है। इससे न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि पर्यावरण संतुलन भी बना रहेगा।
1 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी सुरंग
इस सुरंग के निर्माण पर लगभग 1 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। वर्तमान में सुरंग की खुदाई का काम तेजी से चल रहा है और इसे जून 2025 तक पूरा करने की योजना है। इसके बाद, आवश्यक परीक्षणों और निरीक्षणों के बाद इसे जनवरी 2026 से यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।
सुरंग में मिलेगी विशेष सुरक्षा सुविधाएं
सुरंग की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 12 स्थानों पर इमरजेंसी दरवाजे बनाए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में यात्री आसानी से बाहर निकल सकें। इसके अलावा, सुरंग में वेंटिलेशन सिस्टम की भी खास व्यवस्था की जा रही है, जिससे ताजी हवा का प्रवाह बना रहेगा और यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।
जहरीली गैसों की निगरानी के लिए पॉल्यूशन डिटेक्टर सेंसर
नई सुरंग में जहरीली गैसों की निगरानी के लिए हाई टेक पॉल्यूशन डिटेक्टर सेंसर लगाए जा रहे हैं। ये सेंसर नाइट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर जैसी हानिकारक गैसों की पहचान करने में सक्षम होंगे। इन गैसों को बाहर निकालने के लिए वर्ल्ड क्लास ऑटोमैटिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे यात्रियों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिल सके।
सुरंग के निर्माण में उपयोग हो रही लैटस्ट तकनीक
सुरंग के निर्माण में लैटस्ट इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इसमें विशेष रूप से मजबूत संरचना के लिए उन्नत सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे सुरंग प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और भारी वर्षा का सामना करने में सक्षम होगी।
दिल्ली बिल्डकॉन लिमिटेड के जनरल मैनेजर का बयान
निर्माण कार्य की देखरेख कर रही कंपनी दिल्ली बिल्डकॉन लिमिटेड के जनरल मैनेजर संजय कुमार राठौड़ ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस सुरंग में यात्रियों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह सुरंग देश की सबसे आधुनिक सुरंगों में से एक होगी, जिसमें ट्राफिक मैनेजमेंट और पर्यावरण संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है।
सुरंग से यात्रियों को मिलने वाले फायदे
- तेजी से यात्रा करने की सुविधा: इस सुरंग के माध्यम से यातायात की गति तेज होगी, जिससे यात्रियों का समय बचेगा।
- बेहतर सुरक्षा व्यवस्था: सीसीटीवी कैमरे, स्काडा सिस्टम और इमरजेंसी दरवाजों से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
- पर्यावरण संरक्षण: वन्यजीवों के लिए 1.6 किलोमीटर का विशेष क्षेत्र निर्धारित किया गया है, जिससे उनका प्राकृतिक आवास संरक्षित रहेगा।
- प्रदूषण कंट्रोल: उन्नत वेंटिलेशन सिस्टम और पॉल्यूशन डिटेक्टर सेंसर के माध्यम से हवा की गुणवत्ता को बनाए रखा जाएगा।
- आर्थिक और औद्योगिक विकास: यह सुरंग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ने के कारण व्यापार और उद्योगों के लिए भी लाभदायक होगी।