CIBIL Score: भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नए मास्टर निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों में उल्लिखित छह नए नियम सिबिल स्कोर को और अधिक बढ़िया बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जिससे ग्राहकों को ऋण संबंधी सेवाओं में सुधार और आसानी होगी.
सिबिल स्कोर का रोजाना अपडेट
आरबीआई के अनुसार, अब से सिबिल स्कोर हर 15 दिन में अपडेट किया जाएगा बजाय मासिक अपडेट के. यह बदलाव 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हो चुका है. इसका मुख्य उद्देश्य है ऋणधारकों को उनके क्रेडिट स्कोर (Credit Score Updates) की सटीक जानकारी समय-समय पर प्रदान करना और ऋण लेने में सहायता करना.
ऋण आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता
RBI के नए नियमों के अनुसार, यह अनिवार्य है कि जब भी कोई बैंक या NBFC ग्राहकों की क्रेडिट रिपोर्ट (Credit Report Transparency) की जांच करता है, उसकी सूचना ग्राहकों को भेजी जानी चाहिए. इससे ग्राहकों को अपनी क्रेडिट गतिविधियों की बेहतर समझ और नियंत्रण मिलेगा.
ऋण अस्वीकरण की स्पष्टता
आरबीआई ने यह भी निर्धारित किया है कि अगर किसी ग्राहक का ऋण अनुरोध अस्वीकृत किया जाता है, तो उसके कारणों की जानकारी ग्राहक को दी जानी चाहिए. इससे ग्राहक अपनी क्रेडिट प्रोफ़ाइल (Loan Rejection Reasons) में सुधार कर सकते हैं और भविष्य में ऋण स्वीकृति की संभावनाएं बढ़ा सकते हैं.
वार्षिक मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट
नए नियमों के अनुसार, हर ग्राहक को वार्षिक रूप से एक मुफ्त पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट (Annual Free Credit Report) प्रदान की जानी चाहिए. इससे ग्राहकों को उनकी क्रेडिट हिस्ट्री की गहरी समझ होगी और वे अपनी वित्तीय स्थिति का बेहतर प्रबंधन कर सकेंगे.
नोडल अफसर और ग्राहक शिकायत निवारण
आरबीआई के अनुसार, हर बैंक और वित्तीय संस्था को एक नोडल अधिकारी (Nodal Officer Role) नियुक्त करना चाहिए, जो ग्राहकों की शिकायतों का निपटान करेगा. इससे ग्राहकों की शिकायतें तेजी से हल होंगी और उन्हें उनके अधिकारों की बेहतर सुरक्षा मिलेगी.