Mahashivratri: हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे से शुरू होकर 27 फरवरी की सुबह 08:54 बजे तक रहेगी। महाशिवरात्रि के दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक और विशेष पूजन करते हैं। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से भक्तों के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
जलाभिषेक का सही समय
26 फरवरी की सुबह 11:03 बजे से रात 10:17 बजे तक भद्राकाल रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्राकाल के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन भगवान शिव की पूजा पर इसका नहीं पड़ता। भक्त इस दिन कभी भी शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सकते हैं। शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही और गंगाजल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
रुद्राभिषेक का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक का शुभ समय 26 फरवरी की सुबह 11:08 बजे से लेकर शाम 05:23 बजे तक रहेगा। इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र शुरू होगा, जो 27 फरवरी की सुबह 08:54 बजे तक रहेगा। भक्त इस दौरान भी जलाभिषेक कर सकते हैं। इसके अलावा, रुद्राभिषेक का सबसे शुभ समय सुबह 11:08 बजे से शत्रुनाशक परिघ योग और शुभ चौघड़िया में बताया गया है। हिंदू धर्मग्रंथों में महाशिवरात्रि को निशीथकालीन पर्व माना गया है, इसलिए इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए।
Mahashivratri पर पूजा विधि
महाशिवरात्रि की पूजा विधि सरल होती है लेकिन पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ की जाती है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और पूरे दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करते हैं। पूजा की प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
- सवेरे स्नान करें और साफ कपड़े धारण करें।
- शिवलिंग का जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।
- बिल्वपत्र, धतूरा, भांग और अक्षत अर्पित करें।
- धूप-दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और भगवान से अपनी मनोकामनाएं प्रकट करें।
- रात्रि जागरण करें और चार पहरों में भगवान शिव की आराधना करें।
- अगले दिन प्रातः पारण कर व्रत को पूर्ण करें।
रुद्राभिषेक
रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक विशेष अनुष्ठान है। इसे करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। रुद्राभिषेक के दौरान विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- “ॐ नमः शिवाय”
- “महा मृत्युंजय मंत्र”
- “रुद्राष्टकम् पाठ”
माना जाता है कि रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु से भी रक्षा मिलती है और जीवन में शांति एवं समृद्धि आती है।
महाशिवरात्रि पर उपवास
महाशिवरात्रि के दिन भक्त उपवास रखते हैं और पूरे दिन केवल फलाहार या दूध ग्रहण करते हैं। उपवास से शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है। यह दिन भक्तों के लिए सेल्फ कंट्रोल और भगवान शिव की भक्ति में लीन रहने का अवसर प्रदान करता है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं:
- रुद्राभिषेक करें और शिव मंत्रों का जाप करें।
- भगवान शिव को गंगाजल और बिल्वपत्र अर्पित करें।
- सच्चे मन से व्रत और पूजा करें।
- गरीबों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों की मदद करें।