SIM Card Rule: साइबर धोखाधड़ी आज वैश्विक स्तर पर एक बड़ी समस्या बन चुकी है और भारत भी इससे अछूता नहीं है. हालिया बढ़ोतरी को देखते हुए भारत सरकार ने साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए विभिन्न उपायों पर कार्य करना शुरू किया है. इन उपायों में से एक महत्वपूर्ण कदम यह है कि सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को सिम कार्ड जारी करते समय कठोर नियमों का पालन करना होगा खासकर उन व्यक्तियों के लिए जिन्होंने अपने नाम से 9 से अधिक सिम कार्ड रजिस्टर किए हैं.
नए सिम कार्ड का नियम
सरकार ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल से सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपने एजेंट, फ्रेंचाइजी और सिम कार्ड वितरकों का अलग अलग रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. यह उपाय उन कंपनियों पर लागू होगा जो यह पंजीकरण पूरा नहीं कर पाएंगे, उन्हें सिम कार्ड बेचने पर रोक लगा दी जाएगी. यह नियम टेलीकॉम उद्योग में पारदर्शिता और सुरक्षा मानकों को बढ़ाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है.
प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर्स की तैयारी और बीएसएनएल के लिए विशेष प्रावधान
रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया, और भारती एयरटेल जैसे प्रमुख निजी दूरसंचार ऑपरेटर पहले ही अपने रजिस्ट्रेशन पूरे कर चुके हैं. हालांकि, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अभी इस प्रक्रिया में पिछड़ रहा है. सरकार ने BSNL को समर्थन देने के लिए सिम डीलर रजिस्ट्रेशन के लिए दो महीने का विस्तार दिया है, जिससे वे 1 अप्रैल 2025 तक इसे पूरा कर सकें. इसके बाद, केवल रजिस्टर्ड सिम कार्ड वितरक ही सिम कार्ड बेच सकेंगे, जिससे उपभोक्ताओं को और अधिक सुरक्षित सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी.
इन नए नियमों के कार्यान्वयन से साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई में मजबूती मिलेगी और उपभोक्ता सुरक्षा में सुधार होगा. यह पहल न केवल साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देगी बल्कि टेलीकॉम उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा में भी योगदान देगी.