School Holiday: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की शुरुआत होते ही देश-विदेश से श्रद्धालु संगम स्नान के लिए उमड़ रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें विद्यालयों को अस्थायी रूप से बंद करना भी शामिल है. प्रशासन का मानना है कि श्रद्धालुओं की भीड़ से यातायात प्रभावित हो सकता है और बच्चों को स्कूल पहुंचने में परेशानी हो सकती है.
विद्यालयों में 13 फरवरी से 15 फरवरी तक अवकाश घोषित
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) प्रवीण कुमार तिवारी ने आदेश जारी किया है कि 13 फरवरी से 15 फरवरी तक कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त विद्यालय बंद रहेंगे. इस दौरान सभी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े. इस निर्णय की जानकारी जिलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को भी दी गई है.
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन का बड़ा फैसला
प्रशासन ने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि श्रद्धालुओं की संख्या और यातायात व्यवस्था को नियंत्रित किया जा सके. भारी भीड़ के कारण बच्चों और अभिभावकों को स्कूल आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. इससे पहले भी माघी पूर्णिमा स्नान को ध्यान में रखते हुए 12 जनवरी तक स्कूल बंद किए गए थे, ताकि धार्मिक आयोजनों के दौरान अव्यवस्था न हो.
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के स्कूलों पर लागू होगा आदेश
यह आदेश ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के विद्यालयों पर लागू होगा. इसमें परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त, हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के सभी विद्यालय शामिल हैं. जिन स्कूलों की मान्यता अन्य बोर्ड्स से है, उन पर भी यह नियम लागू होगा. हालांकि, ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी ताकि छात्र अपनी पढ़ाई से पीछे न रहें.
शिक्षकों को नियमित रूप से स्कूल आने का निर्देश
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों में अवकाश होने के बावजूद शिक्षकों को नियमित रूप से स्कूल आना होगा. इस दौरान वे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर), आधार सीडिंग, अपार आईडी जेनरेशन जैसे विभागीय कार्य पूरे करेंगे. साथ ही, सभी शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे निर्धारित समय पर विद्यालय में उपस्थित रहें और प्रशासन द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करें.
महाकुंभ के चलते शहर में ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित
महाकुंभ के चलते प्रयागराज की यातायात व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो रही है. शहर के प्रमुख मार्गों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण ट्रैफिक जाम लग रहा है. प्रशासन ने ट्रैफिक नियंत्रण के लिए कई मार्गों को डायवर्ट किया है, जिससे लोगों को आवागमन में कम से कम दिक्कत हो. इसके बावजूद स्कूली बच्चों और अभिभावकों को परेशानी हो सकती थी, इसलिए यह निर्णय लिया गया.
ऑनलाइन शिक्षा को दिया जा रहा बढ़ावा
विद्यालयों को बंद करने के बावजूद प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े. सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं. यह प्रक्रिया 15 फरवरी तक जारी रहेगी, जिससे छात्रों को परीक्षा की तैयारी में कोई बाधा न आए. शिक्षक नियमित रूप से ऑनलाइन मोड में पढ़ाई कराएंगे और छात्रों को नोट्स व असाइनमेंट्स उपलब्ध कराए जाएंगे .
बच्चों की सुरक्षा के लिए लिया गया फैसला
प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय केवल यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी लिया गया है. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है, जिससे शहर में भीड़-भाड़ और सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ जाती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है .
क्या आगे भी बढ़ सकती हैं छुट्टियां?
अगर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती रही और शहर में भीड़ का दबाव ज्यादा हुआ, तो विद्यालयों की छुट्टियां आगे भी बढ़ाई जा सकती हैं. हालांकि, इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
