School Holiday: महाकुंभ 2025 में अमृत स्नान के बाद वाराणसी में तीर्थयात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए वाराणसी आ रहे हैं, जिससे शहर में भीड़ का दबाव बढ़ गया है. धार्मिक यात्रा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियातन कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
भीड़ नियंत्रण के लिए स्कूलों को किया गया बंद
भीड़ प्रबंधन के तहत वाराणसी के शहरी क्षेत्रों में कक्षा 8 तक के सभी स्कूलों को 8 फरवरी 2025 तक बंद रखने का आदेश दिया गया है. यह निर्णय जिला प्रशासन द्वारा लिया गया ताकि छात्रों और स्कूल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. आदेश के अनुसार, सरकारी, सहायता प्राप्त, सीबीएसई, आईसीएसई और अन्य बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों में केवल ऑनलाइन कक्षाएं (online school classes during Kumbh) संचालित की जाएंगी.
ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी
बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, वाराणसी में 8 फरवरी तक स्कूल बंद रहेंगे. हालांकि, इस दौरान पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए ऑनलाइन कक्षाओं को जारी रखा जाएगा. छात्र घर से ही डिजिटल माध्यमों (digital education in India) के जरिए अपनी पढ़ाई कर सकेंगे.
ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल रहेंगे खुले
इस निर्णय का असर केवल शहरी इलाकों में देखने को मिलेगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल पहले की तरह खुले रहेंगे. वहां छात्रों की संख्या और तीर्थयात्रियों की आवाजाही का दबाव कम होने के कारण यह निर्णय लिया गया है. साथ ही, स्कूलों में चल रही आधार सीडिंग, डीबीटी प्रोसेसिंग और मरम्मत कार्यों को जारी रखने का आदेश दिया गया है.
शिक्षकों और कर्मचारियों की छुट्टियां नहीं होंगी
शहरी इलाकों में स्कूलों के बंद होने के बावजूद शिक्षकों और कर्मचारियों की छुट्टियां (teachers working during Kumbh) रद्द कर दी गई हैं. उन्हें स्कूलों में आधार सीडिंग, वित्तीय लेन-देन और प्रशासनिक कार्यों की देखरेख के लिए उपस्थित रहना होगा.
महाकुंभ 2025 की विशेषता और महत्व
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म की सबसे बड़ी परंपरा भी है. हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं. इस बार प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 से हो चुकी है और यह 26 फरवरी 2025 तक चलेगा.
भीड़ प्रबंधन के लिए प्रशासन की तैयारी
प्रशासन ने वाराणसी और प्रयागराज में तीर्थयात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की है. यातायात नियंत्रण, पार्किंग जोन, मेडिकल कैंप और सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत किया गया है. श्रद्धालुओं के सुचारू आवागमन (Kumbh crowd management) के लिए पुलिस और स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जा रही है.
वाराणसी आने वाले यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश
वाराणसी आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए प्रशासन ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं. श्रद्धालुओं को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने, प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गों का पालन करने और आवश्यक दस्तावेज साथ रखने की सलाह दी गई है. ऑनलाइन बुकिंग (online travel booking for Kumbh) और होटल रिजर्वेशन पहले से कराने की भी सलाह दी गई है ताकि असुविधा न हो.
महाकुंभ के चलते वाराणसी में ट्रैफिक प्लान में बदलाव
महाकुंभ की बढ़ती भीड़ को देखते हुए वाराणसी प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान में कुछ बदलाव किए हैं. शहर के कई प्रमुख मार्गों को वन-वे कर दिया गया है, और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक (traffic control during Kumbh) लगा दी गई है.
महाकुंभ का धार्मिक और आर्थिक महत्व
महाकुंभ केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. इस दौरान पर्यटन उद्योग (religious tourism economy) को बढ़ावा मिलता है और लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं. होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन और व्यापार से जुड़े लोगों को इसका सीधा लाभ होता है.