Sone Ka Bhav: जहां एक तरफ देश में नवरात्रि का दूसरा दिन श्रद्धा और भक्ति के रंग में डूबा है वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय आज पूरे उल्लास से ईद का त्योहार मना रहा है. ऐसे शुभ अवसरों पर सोने की मांग बढ़ जाती है और आमतौर पर इसके दाम भी आसमान छूने लगते हैं. लेकिन इस बार कुछ अलग देखने को मिला है.
पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ रहे गोल्ड प्राइस में आज यानी 31 मार्च 2025 को थोड़ी राहत मिली है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश में सोने के भाव में हल्की गिरावट देखने को मिली है, जिससे खरीदारी की योजना बना रहे लोगों को थोड़ी राहत मिली है.
यूपी के प्रमुख शहरों में सोने के आज के ताजा रेट (Gold Price in UP Today)
उत्तर प्रदेश के कुछ बड़े शहरों जैसे अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में आज सोने के जो ताजा रेट सामने आए हैं, वो इस प्रकार हैं:
- 24 कैरेट सोना – ₹91,340 प्रति 10 ग्राम
- 22 कैरेट सोना – ₹83,740 प्रति 10 ग्राम
- 18 कैरेट सोना – ₹68,520 प्रति 10 ग्राम
यह भाव स्थानीय ज्वेलर्स और शहरों के हिसाब से थोड़ा बहुत अलग हो सकता है. लेकिन यह औसत रेट दर्शाते हैं कि बाजार में सोने की कीमतों में मामूली गिरावट आई है.
बीते दिनों में सोने की कीमतें क्यों बढ़ रही थीं?
पिछले कुछ हफ्तों से लगातार यह चर्चा में रहा कि सोने की कीमतें ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं. इसके पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण रहे हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य-पूर्व में बढ़ता तनाव, अमेरिका की टैरिफ नीतियां, और वैश्विक व्यापार युद्ध जैसी परिस्थितियों ने निवेशकों को असमंजस में डाल दिया है. ऐसे माहौल में लोग सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर सोने की तरफ रुख करते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों में तेजी आती है.
भारत में क्यों होता है सोने की कीमतों पर इतना असर?
भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है, लेकिन अपनी जरूरत का लगभग 80% सोना आयात करता है. ऐसे में डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी, और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी का सीधा असर भारतीय बाजारों पर पड़ता है.
जब भी वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ती है, लोग शेयर बाजार या रियल एस्टेट की बजाय सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं. यही वजह है कि इन दिनों भारत में सोने की कीमतें तेज़ी से बढ़ीं.
पिछले 10 वर्षों में कितना बढ़ा सोना?
अगर हम पिछले 10 सालों का विश्लेषण करें तो यह साफ़ नजर आता है कि सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. एक दशक पहले जो सोना ₹25,000 से ₹30,000 प्रति 10 ग्राम के बीच मिल जाता था, वह अब ₹91,000 के पार पहुंच चुका है. यानी लगभग 6 गुना बढ़ोतरी देखी गई है.
यह बढ़ोतरी केवल महंगाई या अंतरराष्ट्रीय तनाव की वजह से नहीं, बल्कि भारतीय लोगों की पारंपरिक सोने में निवेश की आदत और हर पर्व-त्योहार पर सोने की खरीदारी की परंपरा का भी परिणाम है.
क्या यह सही समय है सोना खरीदने का?
आज सोने के भाव में जो गिरावट आई है, वह ज्यादा बड़ी नहीं है लेकिन निवेश के लिहाज से यह एक मौका हो सकता है. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं या किसी शुभ अवसर पर सोना खरीदना चाहते हैं तो इस गिरावट का फायदा उठाया जा सकता है.
विशेषज्ञों की राय है कि आने वाले दिनों में वैश्विक बाजार में फिर से अस्थिरता बढ़ सकती है, जिससे गोल्ड प्राइस एक बार फिर चढ़ सकता है. ऐसे में यह समय सोच-समझकर निवेश करने का है.
त्योहारों पर सोने की खरीद का भारतीय महत्व
भारत में सोना सिर्फ निवेश का जरिया नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जाता है. नवरात्रि, अक्षय तृतीया, दीवाली और ईद जैसे त्योहारों पर लोग शुभता के प्रतीक के तौर पर सोना खरीदते हैं.
इसी परंपरा के चलते जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आते हैं, सोने की मांग और कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है. लेकिन इस बार नवरात्र और ईद एक साथ होने के बावजूद कीमतों में हल्की गिरावट आई है, जो बाजार के लिए थोड़ा असामान्य है.
आगे क्या रहेगा गोल्ड मार्केट का ट्रेंड?
आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में वैश्विक मंदी के संकेत मिल सकते हैं. ऐसे में रुपये की स्थिति और भी कमजोर हो सकती है.
अगर ऐसा होता है तो भारत में सोने के दामों में फिर से तेजी आ सकती है. इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की चाल को समझते हुए ही कोई निर्णय लें.