Board Exam: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएँ 25 फरवरी से शुरू होने वाली हैं. इस वर्ष शिक्षा विभाग ने परीक्षा प्रश्नपत्रों के लीक होने के मामलों पर विशेष ध्यान देते हुए कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है. सोशल मीडिया पर सक्रिय 20 से अधिक ग्रुपों की पहचान की गई है, जो इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं.
सख्त कदम और साइबर क्राइम टीम की भूमिका
शिक्षा विभाग ने साइबर क्राइम टीम के सहयोग से प्रश्नपत्र लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है. इसमें शिक्षकों और कर्मचारियों पर विशेष नजर रखी जाएगी और परीक्षा अधिनियम 1937 के तहत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसमें तीन साल तक की सजा और पांच हजार रुपए का जुर्माना भी शामिल है.
निगरानी के लिए समिति का गठन और इसकी भूमिका
परीक्षा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रत्येक जिले में पांच सदस्यीय समितियां गठित की हैं, जिनका काम सोशल मीडिया पर सक्रिय उन ग्रुपों पर नजर रखना है जो प्रश्नपत्र वायरल करने में लिप्त हो सकते हैं. इन समितियों के माध्यम से संभाग मुख्यालय पर भी ऑनलाइन निगरानी की जाएगी.
सोशल मीडिया पर सक्रिय फर्जी ग्रुप्स की सक्रियता
बोर्ड परीक्षा से पहले सोशल मीडिया पर 20 से अधिक ग्रुप सक्रिय हो गए हैं, जो प्रश्नपत्र लीक करने के लिए काम कर रहे हैं. इन ग्रुपों के माध्यम से फर्जी प्रश्नपत्र बेचे जाने की कोशिश की जा रही है, जिससे छात्रों को गुमराह किया जा सकता है.
छात्रों को धोखे से बचने की सलाह
शिक्षा विभाग ने छात्रों और उनके अभिभावकों को चेतावनी दी है कि वे इन फर्जी ग्रुपों से सावधान रहें और किसी भी प्रकार के संदिग्ध प्रस्ताव के आने पर तुरंत अधिकारियों को सूचित करें. इससे छात्रों को संभावित धोखाधड़ी से बचाया जा सकता है और उनके शैक्षिक करियर पर बुरा प्रभाव पड़ने से रोका जा सकता है.
इस तरह से मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को मजबूत किया है और छात्रों को सुरक्षित और निष्पक्ष परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित किया है.