UPI New Rule: भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ने डिजिटल भुगतानों में क्रांति ला दी है. यूपीआई के माध्यम से न केवल छोटी दुकानों में लेनदेन सरल हो गया है, बल्कि अब बिजली, गैस, और मोबाइल रिचार्ज जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए भुगतान भी आसानी से किया जा सकता है. इसने नगद लेनदेन की आवश्यकता को काफी कम कर दिया है और भुगतान प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और तेज़ बना दिया है.
गूगल पे द्वारा नई शुल्क नीति की शुरुआत
हाल ही में भारत की दूसरी सबसे बड़ी यूपीआई पेमेंट कंपनी गूगल पे ने कुछ सेवाओं पर कन्वीनियंस फीस (convenience fee by Google Pay) वसूलना शुरू किया है. यह फीस विशेष रूप से क्रेडिट और डेबिट कार्ड से किए गए भुगतानों पर लागू होती है, जबकि डायरेक्ट यूपीआई लेनदेन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है. इस नई नीति से कई उपभोक्ता अचानक बढ़ी हुई फीस से अनजान थे और उन्हें इसका सामना करना पड़ रहा है.
जिन सेवाओं पर फीस लग रही है उनका विवरण
गूगल पे अब बिजली और गैस बिल के भुगतान पर फीस लगाने के अलावा, मोबाइल रिचार्ज (mobile recharge fees) पर भी 0.5% से 1% तक का चार्ज लगा रहा है, जिसमें जीएसटी अतिरिक्त होता है. यह फीस उपभोक्ताओं के लिए एक नया खर्च जोड़ती है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इससे उपभोक्ताओं की पसंद पर क्या प्रभाव पड़ता है.
गूगल पे की बाजार हिस्सेदारी और प्रतिस्पर्धा
भारतीय यूपीआई बाजार में फोनपे के सबसे बड़े हिस्सेदार होने के बावजूद, गूगल पे 37% हिस्सेदारी (market share of Google Pay) के साथ महत्वपूर्ण स्थान पर है. नए चार्ज लागू करने के बाद यह देखना होगा कि ग्राहक इस प्लेटफॉर्म को अपनाए रखते हैं या दूसरे प्लेटफॉर्मों का रुख करते हैं.