Cow Subsidy Scheme: भारत की करीब 60 फीसदी आबादी डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से खेती-किसानी से जुड़ी हुई है। किसानों की मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकारें समय-समय पर कई योजनाएं चलाती हैं। हाल ही में सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और गोवंश संरक्षण के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, जो किसान 10 गाय पालेंगे, उन्हें 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। यह लोन बेहद आसान शर्तों पर दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा
यह योजना मुख्य रूप से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। प्राकृतिक खेती में गाय के गोबर और गोमूत्र का उपयोग जैविक खाद और कीटनाशकों के रूप में किया जाता है। इससे किसानों को महंगे रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इस योजना के तहत गोवंश पालने वाले किसानों को वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपने पशुओं की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकें।
10 गाय पालने पर कैसे मिलेगा 10 लाख रुपये का लोन?
इस योजना के तहत किसानों को 10 गायों तक पालने के लिए बैंक के माध्यम से 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। यह लोन बेहद आसान शर्तों पर मिलेगा, जिससे छोटे और मध्यम वर्ग के किसान भी इसका लाभ उठा सकें। योजना की खास बात यह है कि 3 लाख रुपये तक के लोन के लिए किसी गारंटर की जरूरत नहीं होगी। यानी किसान बिना किसी जटिल प्रक्रिया के इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
लोन की पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
- इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
- किसान के पास पशुपालन का अनुभव होना चाहिए या वह इसके लिए इच्छुक होना चाहिए।
- जिन किसानों के पास पहले से ही गायें हैं, वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- आवेदन करने के लिए किसान को बैंक में एक आवेदन पत्र जमा करना होगा।
- आवेदन के साथ आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज और बैंक खाता विवरण देना अनिवार्य होगा।
गोवंश सरंक्षण को मिलेगा बढ़ावा
यह योजना केवल किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि गोवंश सरंक्षण के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। अक्सर देखा जाता है कि शहरों और गांवों में बहुत से गोवंश सड़कों पर भटकते रहते हैं। कई बार ये दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं या इनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने गोवंश संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई गोआश्रय बनाए हैं। इन आश्रयों के संचालन और देखरेख के लिए सरकार ने 1001 करोड़ रुपये का बजट रखा है।
आत्मनिर्भर गोआश्रय की योजना
सरकार का लक्ष्य इन गोआश्रयों को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए सरकार गाय के गोबर और गोमूत्र को आर्थिक रूप से उपयोगी बनाने के प्रयास कर रही है। इन उत्पादों से जैविक खाद, कीटनाशक और अन्य उपयोगी वस्तुएं बनाई जाएंगी, जिससे इन गोआश्रयों की आय बढ़ेगी। इसके अलावा, सरकार इन गोआश्रयों में कार्यरत लोगों को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत ट्रैंड भी करेगी।
मनरेगा के तहत अतिरिक्त लाभ
किसानों और पशुपालकों को अतिरिक्त लाभ देने के लिए सरकार मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत भी कुछ विशेष योजनाएं लागू करने की योजना बना रही है। इससे किसानों को एक्स्ट्रा रोजगार के अवसर मिलेंगे और उन्हें आर्थिक रूप से और अधिक सहायता मिलेगी। मनरेगा के तहत पशुपालकों को पशुओं के चारे और आश्रय के लिए भी सहायता दी जाएगी।
सरकार का उद्देश्य और भविष्य की योजना
सरकार का उद्देश्य इस योजना के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ाना और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। प्राकृतिक खेती न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है। सरकार भविष्य में इस योजना का दायरा बढ़ाकर अधिक से अधिक किसानों को इसमें शामिल करना चाहती है।