Four lane Highway: मुरादाबाद से अलीगढ़ तक की यात्रा अब और भी सुविधाजनक होने जा रही है। एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा मुरादाबाद-अलीगढ़ मार्ग को फोरलेन बनाने की योजना तैयार की जा रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत 150 किलोमीटर लंबे मार्ग को चौड़ा किया जाएगा, जिससे न केवल यात्रा में लगने वाला समय कम होगा, बल्कि यात्रा और भी सुरक्षित हो जाएगी।
मुरादाबाद मार्ग
मुरादाबाद जिसे ‘पीतलनगरी’ के नाम से जाना जाता है, का उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों से सीधा जुड़ाव है। इस मार्ग पर वाहनों का भारी दबाव रहता है क्योंकि यह व्यापार और परिवहन का एक इम्पोर्टेन्ट सेण्टर है।
- गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ाव: इस प्रोजेक्ट के तहत मुरादाबाद मार्ग को बदायूं जिले में गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिससे प्रयागराज और अन्य शहरों तक पहुंच और भी आसान हो जाएगी।
- वर्तमान स्थिति: अभी यह मार्ग टू लेन है, जो भारी ट्रैफिक के कारण दुर्घटनाओं और जाम की समस्या को जन्म देता है।
ट्रैफिक दबाव
एनएचएआई के अधिकारियों ने इस परियोजना की तरक्की सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक दबाव का परीक्षण करने की योजना बनाई है।
- निर्देश और सर्वे: एनएचएआई के पीडी अरविंद कुमार को इस परियोजना पर स्पेशल निर्देश दिए गए हैं।
- सर्वेक्षण का उद्देश्य: मार्ग पर ट्रैफिक दबाव, संभावित समस्याएं, और सुधार के उपायों की जाँच की जाएगी।
प्रयागराज जाने का सपना होगा साकार
मुरादाबाद से गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ने से न केवल अलीगढ़ बल्कि प्रयागराज तक की यात्रा भी आसान हो जाएगी।
- सुविधाओं का विकास: इस मार्ग पर टोल प्लाजा, पैदल सेतु और बिज़नेस सेण्टर विकसित किए जाएंगे।
- यात्रा में सुधार: नए फोरलेन मार्ग के जरिए यात्रा का समय काफी कम होगा और यातायात सुगम होगा।
रिपोर्ट तैयार की जाएगी
परियोजना के तहत सर्वेक्षण के बाद एनएचएआई एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय को सौंपेगी।
- एस्टीमेट की तैयारी: रिपोर्ट के आधार पर परियोजना की लागत और डिजाइन का अनुमान किया जाएगा।
- प्राधिकरण की मंजूरी: प्राधिकरण से हरी झंडी मिलने के बाद परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।
बिज़नेस और पर्यटन गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
केंद्र सरकार का उद्देश्य व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देना है। मुरादाबाद-अलीगढ़ फोरलेन परियोजना इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
- बिज़नेस का फायदा: यह मार्ग बिज़नेसमेनो और उद्यमियों के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।
- पर्यटन को प्रोत्साहन: देहरादून और उत्तराखंड जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी।
एनएचएआई की अन्य परियोजनाएं
मुरादाबाद-अलीगढ़ मार्ग के साथ-साथ एनएचएआई कई अन्य फोरलेन परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
- मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा फोरलेन: 625 करोड़ की लागत से बन रही इस सड़क का काम तेजी से चल रहा है।
- उत्तराखंड के लिए विशेष प्रोजेक्ट्स: देहरादून और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने के लिए फोरलेन निर्माण हो रहा है।
स्थानीय लोगों के लिए फायदे
यह परियोजना न केवल व्यापार और पर्यटन को प्रोत्साहन देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी कई लाभ लेकर आएगी।
- यात्रा में सुधार: स्थानीय निवासियों को जाम और ट्रैफिक की समस्या से राहत मिलेगी।
- रोजगार के अवसर: फोरलेन निर्माण के दौरान और बाद में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- सड़क सुरक्षा: फोरलेन बनने से दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
पर्यावरणीय असर और समाधान
किसी भी बड़ी सड़क परियोजना के दौरान पर्यावरण पर असर पड़ना आम बात है। हालांकि, एनएचएआई ने यह सुनिश्चित किया है कि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे।
- ग्रीन बेल्ट का विकास: सड़क किनारे वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा।
- स्थानीय पारिस्थितिकी का ध्यान: परियोजना के दौरान स्थानीय पर्यावरण और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।