Most Expensive Cheese: दुनिया में पनीर खाने के शौकीनों की कमी नहीं है. लेकिन जब बात गधी के दूध से बने पनीर की हो, तो यह सुनने में ही असामान्य लगता है. सर्बिया के ‘ज़साविका स्पेशल नेचर रिजर्व’ में बनाया जाने वाला “प्यूल चीज़” दुनिया का सबसे महंगा पनीर है. इसकी कीमत 80,000 से 82,000 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो इसे खाद्य पदार्थों में एक लग्ज़री आइटम बनाती है.
क्यों खास है “प्यूल चीज़”?
यह पनीर बाल्कन प्रजाति की गधी के दूध से बनाया जाता है. प्यूल चीज़ बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल और समय लेने वाली होती है. इसे तैयार करने में 60% गधी का दूध और 40% बकरी का दूध इस्तेमाल होता है. 1 किलोग्राम पनीर बनाने के लिए लगभग 25 लीटर गधी के दूध की आवश्यकता होती है. जबकि एक गधी दिनभर में केवल 0.2 से 0.3 लीटर दूध देती है. यही इसे इतना दुर्लभ और महंगा बनाता है.
गधी के दूध की उपयोगिता
गधी का दूध केवल पनीर बनाने में ही नहीं. बल्कि सौंदर्य प्रसाधनों में भी उपयोग होता है. यह विटामिन्स और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है, जो त्वचा को पोषण और निखार देने में मदद करता है. मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा भी अपनी सुंदरता बनाए रखने के लिए गधी के दूध से स्नान करती थीं.
उत्पादन प्रक्रिया की जटिलता
प्यूल चीज़ बनाने की प्रक्रिया बेहद सावधानीपूर्वक की जाती है. गधी के दूध में प्रोटीन और पोषक तत्वों की अधिकता के बावजूद इसे जमाने में कठिनाई होती है. इसलिए इसे तैयार करने के लिए विशेष तकनीकों और विशेषज्ञता की जरूरत होती है. ‘ज़साविका रिजर्व’ में गधों की देखभाल भी खास तरीके से की जाती है. ताकि उच्च गुणवत्ता का दूध प्राप्त हो सके.
स्वाद और पोषण का अनोखा मेल
प्यूल चीज़ का स्वाद हल्का नमकीन और मलाईदार होता है. यह न केवल स्वादिष्ट है. बल्कि प्रोटीन और पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत भी है. जो लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं. उनके लिए यह पनीर एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
दुनिया में बढ़ती लोकप्रियता
प्यूल चीज़ आज दुनिया के बड़े-बड़े शेफ और लग्ज़री रेस्तरां की पहली पसंद बन गया है. इसकी दुर्लभता और उत्पादन की जटिल प्रक्रिया इसे फूड इंडस्ट्री में एक खास स्थान दिलाती है. यह पनीर न केवल एक स्वादिष्ट विकल्प है. बल्कि इसे स्टेटस सिंबल के रूप में भी देखा जाता है.
भारत में गधी के दूध की स्थिति
भारत में गधों की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है. गधी का दूध अगर बाजार में उपलब्ध हो, तो इसकी कीमत 25,000 से 30,000 रुपये प्रति लीटर तक हो सकती है. यह स्थिति प्यूल चीज़ जैसे महंगे खाद्य पदार्थों की भारत में संभावनाओं को सीमित करती है.
गधी के दूध के स्वास्थ्य लाभ
- प्रोटीन का अच्छा स्रोत: गधी के दूध में गाय के दूध की तुलना में ज्यादा प्रोटीन होता है.
- इम्यूनिटी बूस्टर: यह इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करता है.
- त्वचा के लिए फायदेमंद: गधी का दूध त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करता है और एलर्जी में भी फायदेमंद है.
- पाचन में सहायक: इसमें मौजूद लैक्टोज पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है.
कीमत बनाम गुणवत्ता का समीकरण
प्यूल चीज़ की कीमत इतनी अधिक होने का सबसे बड़ा कारण इसकी उत्पादन प्रक्रिया और गधी के दूध की दुर्लभता है. यह पनीर न केवल पोषण और स्वाद में खास है. बल्कि इसे तैयार करने के लिए लगाए जाने वाले संसाधन और समय भी इसे महंगा बनाते हैं.