New Expressway: उत्तर प्रदेश में आधारभूत संरचना को और सशक्त बनाने के लिए योगी सरकार लगातार नई योजनाओं पर कार्य कर रही है। अब प्रदेश में 240 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बिछाने और 76 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना बनाई गई है। इन योजनाओं से प्रदेश के कई जिलों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे परिवहन व्यवस्था में व्यापक सुधार होगा।
240 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन से ग्रामीण इलाकों को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 240 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बिछाने की योजना पर काम कर रही है। यह रेलवे लाइन राज्य के पांच जिलों से होकर गुजरेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधा को आसान बनाएगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद कई गांवों के लोग आसानी से रेल यात्रा कर सकेंगे, जिससे व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
जेवर एयरपोर्ट से गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ने की योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने जेवर एयरपोर्ट और गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए 76 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा की है। इस महत्वपूर्ण परियोजना पर अनुमानित 4415 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली-एनसीआर से प्रयागराज और वाराणसी तक की यात्रा और भी सुगम हो जाएगी।
57 गांवों से गुजरेगा नया एक्सप्रेसवे
नया लिंक एक्सप्रेसवे नोएडा, बुलंदशहर और मेरठ के 57 गांवों से होकर गुजरेगा। इससे इन गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना के लिए करीब 1000 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जिसे किसानों से खरीदा या अधिग्रहीत किया जाएगा। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी भूमि का उचित मुआवजा दिया जाएगा।
76 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे करेगा यातायात को आसान
यह एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ेगा और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ मिलकर प्रदेश में यातायात व्यवस्था को और भी बेहतर बनाएगा। इससे प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों के बीच यात्रा का समय कम होगा और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 12 ई-वे हब बनाए जाएंगे
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने बजट में बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 12 ई-वे हब बनाने की योजना बनाई है। ये हब ट्रैफिक की मॉनिटरिंग के लिए बनाए जाएंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर चार और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आठ हब बनाए जाएंगे, जिनके लिए क्रमशः 72 करोड़ और 144 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। यह परियोजना राज्य के एक्सप्रेसवे नेटवर्क को और अधिक सुरक्षित व प्रभावी बनाएगी।
प्रदेश में बढ़ेगा औद्योगिक और आर्थिक विकास
नई रेलवे लाइन और लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण होने से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को तेजी मिलेगी। बेहतर परिवहन सुविधा से स्थानीय व्यापारियों को अपने उत्पादों को आसानी से बाजार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। इससे प्रदेश में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा और नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
उत्तर प्रदेश धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। नई परिवहन परियोजनाओं से पर्यटकों को प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंचने में आसानी होगी। विशेष रूप से, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा और अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा अब और भी सुविधाजनक हो जाएगी।
ट्रैफिक जाम और प्रदूषण में होगी कमी
बेहतर सड़क और रेल नेटवर्क से ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी और प्रदूषण पर भी कंट्रोल पाया जा सकेगा। अधिक लोग पब्लिक परिवहन का उपयोग करेंगे, जिससे सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या घटेगी। इससे ईंधन की बचत भी होगी और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।