School Timings Change: पंजाब में इन दिनों कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का असर जारी है. हालांकि स्कूलों में चल रही शीतकालीन छुट्टियां अब समाप्त हो रही हैं. लेकिन सर्दी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या छुट्टियां बढ़ाई जाएंगी या स्कूलों के समय में बदलाव किया जाएगा. शिक्षा विभाग के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हैं. क्योंकि ठंड के इस दौर में बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता बन गई है.
स्कूल के समय में बदलाव की मांग
लेक्चरर कैडर यूनियन पंजाब ने राज्य में बढ़ती शीतलहर और कोहरे के चलते स्कूल के समय में बदलाव की मांग की है. यूनियन के राज्य वित्त सचिव और जिला लुधियाना के प्रधान धर्मजीत सिंह ढिल्लों ने पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से अपील की है कि स्कूल का समय बदलकर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जाए.
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के अधिकतर विद्यार्थियों के पास ठंड से बचने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. ऐसे में स्कूलों का मौजूदा समय ठंड के मौसम में बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण बन जाता है.
बच्चों की सुरक्षा पर क्यों दिया जा रहा है जोर?
शीतलहर और कोहरे के बीच बच्चों को स्कूल भेजना न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से जोखिम भरा है. बल्कि यह ठंड से जुड़ी समस्याओं को और बढ़ा सकता है. सरकारी स्कूलों के कई बच्चों के पास गर्म कपड़े और अन्य जरूरी संसाधनों की कमी होती है. यही कारण है कि अध्यापक और अभिभावक स्कूल के समय में बदलाव की मांग कर रहे हैं.
सुबह जल्दी स्कूल जाने वाले बच्चों को ठंडी हवाओं और घने कोहरे का सामना करना पड़ता है. जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. इस स्थिति को देखते हुए समय में बदलाव को एक जरूरी कदम माना जा रहा है.
अध्यापकों की भूमिका और अपील
अध्यापकों और यूनियन नेताओं ने बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए समय बदलने की अपील की है. उनका कहना है कि सुबह 10 बजे से स्कूल का समय शुरू करने से बच्चों को ठंड से राहत मिलेगी. यूनियन ने शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि समय में बदलाव के साथ-साथ स्कूलों में ठंड से बचने के लिए बेहतर सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएं.
ठंड से निपटने के लिए सरकारी प्रयास जरूरी
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की बड़ी संख्या आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आती है. इन बच्चों के पास ठंड से बचने के लिए न तो पर्याप्त गर्म कपड़े होते हैं और न ही अन्य साधन. ऐसे में सरकार को स्कूलों में अतिरिक्त इंतजाम करने की जरूरत है.
संभावित उपाय:
- स्कूलों में हीटर और गर्म पेय पदार्थों की व्यवस्था.
- ठंड के मौसम में स्कूल समय में लचीलेपन की नीति.
- जरूरतमंद बच्चों को गर्म कपड़े और जूते उपलब्ध कराना.
शिक्षा विभाग का निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?
शिक्षा विभाग का निर्णय बच्चों, अध्यापकों और अभिभावकों के लिए बेहद अहम है. अगर समय में बदलाव नहीं किया जाता, तो बच्चों और उनके परिवारों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. विभाग का यह कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनकी शिक्षा को भी बाधित होने से बचाएगा.
सर्दी और कोहरे का शिक्षा पर प्रभाव
सर्दी और कोहरे का प्रभाव न केवल बच्चों की सेहत पर पड़ता है. बल्कि यह उनकी पढ़ाई को भी प्रभावित करता है. ठंड के कारण बच्चों का स्कूल पहुंचना कठिन हो जाता है. जिससे उनकी उपस्थिति प्रभावित होती है. समय में बदलाव से यह समस्या काफी हद तक सुलझाई जा सकती है.
अन्य राज्यों से उदाहरण
अन्य राज्यों में ठंड के मौसम में स्कूलों के समय में बदलाव किया जाता है. यह बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनकी पढ़ाई को भी व्यवस्थित रखता है. पंजाब सरकार को भी इन उदाहरणों से प्रेरणा लेकर ठंड के इस दौर में तुरंत कदम उठाने की जरूरत है.
अभिभावकों की प्रतिक्रिया
अभिभावकों का मानना है कि समय में बदलाव बच्चों के स्वास्थ्य और पढ़ाई के लिए फायदेमंद होगा. उनके मुताबिक सुबह जल्दी उठने और ठंड में स्कूल जाने से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. अभिभावकों ने सरकार से समय पर निर्णय लेने की अपील की है.