Bird Centuary: हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव बिरही कलां में पक्षी संरक्षण के लिए एक नई पहल शुरू हुई है. दिल्ली से आई पक्षी संरक्षण विभाग की टीम ने इस क्षेत्र का दौरा किया और 75 एकड़ जमीन का निरीक्षण किया. इस टीम में स्थानीय जैव विविधता, वन्य जीव संरक्षण और वन विभाग के सदस्य भी शामिल थे, जिससे यह दौरा और भी महत्वपूर्ण हो गया.
विदेशी प्रजातियों सहित 44 पक्षी प्रजातियां मिलीं
टीम को इस दौरान 44 विभिन्न प्रजातियों के पक्षी मिले, जिनमें 19 विदेशी प्रजातियां शामिल थीं. इस खोज में कुछ दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजातियां भी शामिल थीं, जिसने सरकार को इस क्षेत्र में बर्ड सेंचुरी बनाने की पहल करने के लिए प्रेरित किया. यह जानकारी विशेषज्ञ टी.के रॉय द्वारा साझा की गई, जिन्होंने इस क्षेत्र में पक्षी विविधता के महत्व को रेखांकित किया.
दुर्लभ प्रजातियां और उनका संरक्षण
जिन दुर्लभ प्रजातियों का पता चला, उनमें पेटेंट स्टार्क, ब्लैक हेडेड आइबिस और यूरेसियन स्पूनबिल शामिल हैं. ये प्रजातियां विश्व स्तर पर विलुप्त होने की कगार पर हैं, जिससे इनका संरक्षण और भी जरूरी हो जाता है. इस जानकारी के माध्यम से सरकार और स्थानीय प्रशासन को इन प्रजातियों की सुरक्षा के लिए आगे आने का मौका मिला है.
पर्यटन विकास और संभावनाएं
बबीता श्योराण, जिला समन्वयक, जैव विविधता ने बताया कि इस क्षेत्र के विकास से न केवल पक्षी संरक्षण को बल मिलेगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. यहां बर्ड सेंचुरी बनने से न सिर्फ स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा बल्कि देशी-विदेशी पर्यटक भी यहां आकर्षित होंगे. इससे गांव की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और यह क्षेत्र पर्यटन के मानचित्र पर एक नई पहचान बनाएगा.
ये सभी कदम चरखी दादरी को एक वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र बना सकते हैं, जिससे यहां के पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.