RBI Bank Rules: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट 2025 पेश करने जा रही हैं। इस बार के बजट में बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया जा सकता है। खबरों के मुताबिक, सरकार बैंकों के संचालन को लेकर अहम बदलाव कर सकती है, जिसके तहत देशभर के बैंक अब हफ्ते में सिर्फ पांच दिन खुलेंगे।
अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो बैंक कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी, लेकिन बैंक ग्राहकों को कुछ दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं इस प्रस्ताव के बारे में विस्तार से।
हफ्ते में 5 दिन वर्किंग
बैंक कर्मचारी यूनियन और एसोसिएशन कई सालों से सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि बैंकों में हफ्ते में पांच दिन ही काम हो। इस समय बैंकों में पहले और तीसरे शनिवार को काम होता है, जबकि दूसरे और चौथे शनिवार को बैंक बंद रहते हैं। लेकिन अब प्रस्तावित नियम के अनुसार, शनिवार और रविवार दोनों दिन बैंक बंद रहेंगे और सप्ताह में सिर्फ पांच दिन ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध होंगी।
यह प्रस्ताव बैंक कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांगों का नतीजा है। बैंक यूनियन और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के बीच इस पर सहमति बन चुकी है, अब सिर्फ सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी का इंतजार है। अगर बजट में इस पर हरी झंडी मिलती है, तो यह नियम जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा।
बैंक कर्मचारियों को महीने में 6 की जगह 8 छुट्टियां
फिलहाल, बैंक कर्मचारियों को महीने में 6 छुट्टियां मिलती हैं, लेकिन अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो उन्हें हर महीने 8 छुट्टियां मिलेंगी। यानी, दो एक्स्ट्रा छुट्टियों का फायदा होगा। हालांकि, इसके बदले बैंक कर्मचारियों को रोजाना करीब 40 से 45 मिनट ज्यादा काम करना होगा।
अगर बैंकिंग यूनियनों की मांग को माना जाता है, तो बैंकों के वर्किंग ऑवर्स में बदलाव किया जाएगा ताकि ग्राहकों को कम से कम असुविधा हो। बैंक अब सुबह जल्दी खुलेंगे और देर शाम तक कार्य करेंगे। इससे कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी और बैंकिंग सेवाओं की कवालिटी भी बनी रहेगी।
ग्राहकों पर असर
बैंकों के सिर्फ पांच दिन खुलने से आम ग्राहकों पर कुछ असर पड़ सकता है। विशेष रूप से वे ग्राहक जो शनिवार के दिन बैंक के काम निपटाते हैं, उन्हें अब अपने सभी कार्य सोमवार से शुक्रवार के बीच ही पूरे करने होंगे।
हालांकि, बैंकिंग यूनियन का कहना है कि 5 दिन वर्किंग से ग्राहकों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी, क्योंकि डिजिटल बैंकिंग सेवाएं पहले से ही 24×7 उपलब्ध हैं। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के जरिए ग्राहक आसानी से अपने काम कर सकते हैं। फिर भी, जो लोग फिजिकल बैंकिंग पर निर्भर रहते हैं, उनके लिए नया बदलाव थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
बैंक ब्रांच खुलने और बंद होने के समय में होगा बदलाव
अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो बैंक ब्रांच के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव किया जाएगा।
- सुबह का समय: अभी ज्यादातर बैंक 10 बजे खुलते हैं, लेकिन नए नियम के तहत बैंक 9:45 बजे से खुल सकते हैं, ताकि ग्राहकों को ज्यादा समय मिल सके।
- शाम का समय: बैंक का कामकाज 5 बजे समाप्त होता है, लेकिन नए नियम के तहत इसे बढ़ाकर 5:30 बजे तक किया जा सकता है।
इसका मतलब यह है कि बैंकों में काम करने वाले कर्मचारी रोजाना 40 मिनट ज्यादा काम करेंगे, जिससे सप्ताह में कुल कार्य घंटे बेलेन्स मे हो जाएंगे।
सरकार और RBI की भूमिका
सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच इस विषय पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। बैंकिंग यूनियन और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने सरकार से रीक्वेस्ट की है कि बजट 2025 में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए।
अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो जल्द ही सभी बैंकों में यह नियम लागू किया जाएगा। हालांकि, अभी सरकार और RBI की अंतिम मुहर लगना बाकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी, और उसी दिन यह साफ हो जाएगा कि सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार करती है या नहीं।
डिजिटल बैंकिंग का बढ़ता प्रभाव
आज के समय में डिजिटल बैंकिंग का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई, ATM और ऑनलाइन लेन-देन के चलते अब बैंक ब्रांच जाने की जरूरत कम हो गई है।
अगर सप्ताह में पांच दिन बैंक खुलने का नियम लागू होता है, तो ग्राहक ऑनलाइन माध्यम से अपने बैंकिंग कार्य आसानी से निपटा सकते हैं। बैंक यूनियन का कहना है कि इस बदलाव से ग्राहकों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी, क्योंकि डिजिटल सेवाएं पहले से ही 24 घंटे उपलब्ध हैं।
क्या 5 दिन वर्किंग से बैंकिंग सेवा पर असर पड़ेगा?
बैंक कर्मचारियों का कहना है कि 5 दिन वर्किंग लागू होने से बैंकिंग सेवाओं पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने तर्क दिया है कि जो लोग हफ्ते के अंत में बैंकिंग कार्य निपटाते थे, वे अब डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।
हालांकि, छोटे शहरों और गांवों में अभी भी डिजिटल बैंकिंग पूरी तरह विकसित नहीं हुई है। वहां के ग्राहकों के लिए यह बदलाव थोड़ी असुविधा पैदा कर सकता है। लेकिन बैंक यूनियन का कहना है कि सभी ब्रांचों में वर्किंग ऑवर्स बढ़ाए जाएंगे, जिससे ग्राहकों को कोई समस्या न हो।