Safest Banks in India: आज के दौर में हर व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई को बैंकों में जमा करता है। यह न केवल भविष्य की सुरक्षा के लिए बल्कि दैनिक आवश्यकताओं के लिए भी जरूरी होता है। बैंकिंग प्रणाली पर लोगों का विश्वास तभी बना रहता है जब वे जानते हैं कि उनका पैसा सुरक्षित है। लेकिन समय-समय पर कुछ बैंकों के दिवालिया होने की खबरें आती रहती हैं, जिससे लोगों के मन में चिंता बढ़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश के सबसे सुरक्षित बैंकों की एक लिस्ट जारी की है।
आरबीआई द्वारा जारी सुरक्षित बैंकों की सूची
भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन बैंकों को “डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक (D-SIBs)” का दर्जा दिया है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। यह लिस्ट 13 नवंबर को जारी की गई थी। आरबीआई के अनुसार, ये बैंक देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
डी-सिब्स (D-SIBs)
डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक (D-SIBs) की लिस्ट में शामिल बैंकों को खास सुरक्षा मानकों का पालन करना होता है। इन मानकों में एडिशनल कॉमन इक्विटी टियर-1 पूंजी का रखरखाव और उच्च स्तर का कॉमन इक्विटी टियर 1 बनाए रखना शामिल है। यह मानक बैंकों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करते हैं और किसी भी ईमर्जन्सी में बैंक को संकट से बचाने में सहायक होते हैं।
डी-सिब्स प्रणाली की शुरुआत
डी-सिब्स प्रणाली की शुरुआत भारतीय रिजर्व बैंक ने 2014 में की थी। सबसे पहले एसबीआई को 2015 में इस लिस्ट में शामिल किया गया। इसके बाद 2016 में आईसीआईसीआई बैंक और 2017 में एचडीएफसी बैंक को भी इस लिस्ट में जोड़ा गया। यह दर्शाता है कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली लगातार सुरक्षा के उच्च मानकों को अपनाते हुए आगे बढ़ रही है।
सरकार का सपोर्ट और बैंकिंग स्थिरता
सरकार और आरबीआई इन बैंकों की सुरक्षा को लेकर खास सतर्कता बरतते हैं। डी-सिब्स श्रेणी में शामिल बैंकों को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है कि यदि इनमें से किसी एक बैंक को वित्तीय संकट का सामना करना पड़े तो सरकार स्वयं इसे बचाने का प्रयास करेगी। इसका सीधा लाभ जमाकर्ताओं और निवेशकों को मिलता है क्योंकि इससे उनकी जमा राशि पर जोखिम कम हो जाता है।
जमाकर्ताओं के लिए सुरक्षा की गारंटी
डी-सिब्स बैंकों में पैसा जमा करना अत्यधिक सुरक्षित माना जाता है। इन बैंकों के संचालन में कड़े सुरक्षा मानकों और सरकारी निगरानी का ध्यान रखा जाता है, जिससे जमाकर्ताओं को आश्वस्त किया जाता है कि उनका पैसा सुरक्षित है। इसके अलावा, आरबीआई द्वारा समय-समय पर इन बैंकों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की जाती है, जिससे ग्राहकों को एक्स्ट्रा सुरक्षा मिलती है।
डीआईसीजीसी बीमा सुरक्षा क्या है?
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचालित डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) बैंक खाताधारकों की जमा राशि को 5 लाख रुपये तक की सुरक्षा प्रदान करता है। यानी यदि किसी बैंक में कोई समस्या आती है, तो खाताधारकों को उनकी जमा राशि 5 लाख रुपये तक वापस मिल सकती है। डी-सिब्स बैंकों में निवेश करने का एक एक्स्ट्रा लाभ यह है कि उनकी वित्तीय स्थिति पहले से ही काफी मजबूत होती है, जिससे जोखिम बहुत कम हो जाता है।
निवेशकों के लिए जरूरी सावधानियां
हालांकि डी-सिब्स बैंकों में पैसा निवेश करना सुरक्षित होता है, फिर भी निवेशकों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
- बैंक के नियमों और शर्तों को पढ़ें – किसी भी बैंक में खाता खोलने से पहले उसके नियमों और शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। इससे आपको बैंक की नीतियों और सुविधाओं के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
- रेगुलर खाते की निगरानी करें – अपने बैंक खाते को नियमित रूप से चेक करें ताकि किसी भी डाउट ऐक्टिविटी का तुरंत पता लगाया जा सके।
- अधिक ब्याज दर के लालच में न आएं – कई बार छोटी वित्तीय संस्थाएं अधिक ब्याज दर का लालच देकर ग्राहकों को आकर्षित करती हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे सुरक्षित हों।
- ऑनलाइन बैंकिंग में सतर्क रहें – ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करते समय साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए सुरक्षा उपाय अपनाएं। अपने बैंक खाते की गोपनीयता बनाए रखें और अनजान लिंक या ईमेल से बचें।