Ration Card Holder: उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) को अनिवार्य कर दिया था। सरकार ने यह कदम फर्जी राशन कार्ड धारकों की पहचान करने और जरूरतमंदों को सही लाभ पहुंचाने के लिए उठाया। हालांकि, अब सरकार ने 13 फरवरी 2024 को ई-केवाईसी पोर्टल को बंद कर दिया है, जिससे लाखों राशन कार्ड धारकों को बड़ा झटका लग सकता है। जिन्होंने अब तक अपनी बायोमेट्रिक केवाईसी पूरी नहीं कराई, वे मार्च महीने से सरकारी राशन से वंचित हो सकते हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि राज्य में कई अपात्र और फर्जी लाभार्थी सरकारी राशन योजना का गलत तरीके से फायदा उठा रहे थे। सरकार ने पहले 31 दिसंबर 2023 की डेड्लाइन तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 जनवरी 2024 किया गया। इसके बावजूद, जब कई लोगों ने ई-केवाईसी नहीं कराई, तो सरकार ने अंतिम मौका देते हुए 13 फरवरी 2024 तक की डेडलाइन तय की थी। लेकिन अब यह प्रक्रिया पूरी तरह बंद कर दी गई है।
किन लोगों को होगा नुकसान?
सरकार के इस फैसले से इन लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है:
- जिन्होंने अभी तक ई-केवाईसी पूरी नहीं की है।
- जिनके आधार कार्ड और राशन कार्ड लिंक नहीं हैं।
- जो फर्जी तरीके से राशन कार्ड का फायदा ले रहे थे और सरकारी जांच में पकड़े गए।
- वे लोग जो समय रहते अपनी पहचान वेरफाइ नहीं करा सके।
गरीबों को मिलेगा राहत या बढ़ेगी मुश्किलें?
इस कदम से वास्तविक गरीबों को फायदा मिलेगा क्योंकि फर्जी लाभार्थियों को हटाकर असली जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाया जाएगा। हालांकि, जिन पात्र लोगों ने समय पर केवाईसी नहीं कराई है, वे मार्च से परेशानी में आ सकते हैं। सरकार ने इस पर कोई राहत योजना घोषित नहीं की है, लेकिन भविष्य में अगर बड़ी संख्या में लोग राशन से वंचित रह जाते हैं, तो सरकार इस पर विचार कर सकती है।
ई-केवाईसी कैसे कराई जाती थी?
जो लाभार्थी ई-केवाईसी कराना चाहते थे, उन्हें इन प्रक्रियाओं का पालन करना था:
- नजदीकी राशन दुकान या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाना होता था।
- आधार कार्ड और राशन कार्ड जमा कराना होता था।
- बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट या आंखों की स्कैनिंग) वेरीफिकेशन कराना पड़ता था।
- राशन कार्ड को आधार से लिंक किया जाता था।
- केवाईसी पूरी होने के बाद लाभार्थी को ओटीपी (OTP) के माध्यम से पुष्टि मिलती थी।
सरकार का क्या कहना है?
उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई नई डेडलाइन नहीं दी जाएगी। खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार इस योजना को पूरी तरह पारदर्शी बनाना चाहती है ताकि असली गरीब और जरूरतमंद परिवारों को ही लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े पैमाने पर फर्जी राशन कार्ड बने हुए थे, जिन्हें अब ई-केवाईसी के जरिए हटाया जा रहा है।
राशन योजना के तहत क्या सुविधाएं मिलती हैं?
उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत करोड़ों गरीब परिवारों को रियायती दरों पर राशन उपलब्ध कराती है। इसमें शामिल हैं:
- गेहूं – 2 रुपये प्रति किलो
- चावल – 3 रुपये प्रति किलो
- चना, चीनी और तेल भी कुछ समय-समय पर मुफ्त या रियायती दरों पर दिया जाता है।
अगर कोई व्यक्ति ई-केवाईसी नहीं कराता है, तो उसे यह सभी सुविधाएं मिलनी बंद हो जाएंगी।
क्या सरकार कोई राहत दे सकती है?
सरकार ने अभी तक कोई राहत योजना घोषित नहीं की है, लेकिन अगर बड़ी संख्या में लोग राशन से वंचित रह जाते हैं, तो सरकार कुछ दिनों के लिए पोर्टल फिर से खोल सकती है।
राशन कार्ड धारकों को क्या करना चाहिए?
अगर आपकी ई-केवाईसी अभी तक पूरी नहीं हुई है, तो आपके पास अब कोई अवसर नहीं बचा है। हालांकि, सरकार की ओर से किसी भी संभावित राहत की जानकारी के लिए ये कदम उठाने चाहिए:
- खाद्य एवं रसद विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।
- अपने नजदीकी राशन डीलर से संपर्क करें।
- अगर सरकार कोई नई घोषणा करती है, तो तुरंत प्रक्रिया पूरी करें।