Delhi vehicles Ban: दिल्ली सरकार ने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. 1 अप्रैल 2025 से राजधानी में 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा. इस कदम का उद्देश्य शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करना है.
नियमों की निगरानी और लागू
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि सरकार इस नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कठोर निगरानी (Strict Monitoring) प्रणाली स्थापित करेगी. इसके अंतर्गत दिल्ली के सभी 500 पेट्रोल पंपों पर नया सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे कि पुराने वाहनों को ईंधन की आपूर्ति न की जा सके.
पुराने वाहनों का विशाल आंकड़ा और प्रदूषण में योगदान
राजधानी में लगभग 55 लाख पुराने वाहन हैं, जिनमें 66% दोपहिया और 54% चारपहिया वाहन शामिल हैं. ये वाहन दिल्ली की हवा में विषाक्त पदार्थों का उत्सर्जन (Emissions) करते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है. इन वाहनों को ईंधन की आपूर्ति रोकने से प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है.
एनजीटी के आदेश और स्क्रैपिंग पॉलिसी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के अनुसार, दिल्ली में 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को स्क्रैप (Vehicle Scrapping) करना होगा. यह नीति न केवल पर्यावरण को साफ करने में मदद करेगी बल्कि पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को भी बाजार से हटाएगी.