महिला लोको पायलट के लिए हुई ये सुविधा, स्टेशन आने का नही करना पड़ेगा इंतजार Woman Loco Pilot Problem

Woman Loco Pilot Problem: भारतीय रेलवे में अब तक लोकोमोटिव इंजनों में शौचालय की सुविधा का अभाव एक बड़ा मुद्दा रहा है, खासकर महिला लोको पायलटों के लिए। ट्रेनों के सफर के दौरान उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ता था, क्योंकि ज्यादातर इंजनों में शौचालय नहीं होते थे। ऐसे में उन्हें अगले स्टेशन का इंतजार करना पड़ता था, जिससे कई बार असुविधा होती थी। लेकिन अब रेलवे ने इस समस्या का समाधान निकाल लिया है।

9000 एचपी लोकोमोटिव में मिलेगी शौचालय की सुविधा

भारतीय रेलवे के नए 9000 एचपी लोकोमोटिव में अब शौचालय की सुविधा होगी, जो महिला लोको पायलटों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी। यह नया इंजन अत्याधुनिक आईजीबीटी-आधारित प्रोपल्शन तकनीक से लैस है। यह इंजन न केवल अधिक शक्तिशाली होगा, बल्कि इसमें लोको पायलटों के लिए आरामदायक सुविधाएं भी दी जाएंगी।

गुजरात के दाहोद वर्कशॉप में बन रहा है नया लोको इंजन

इस हाई-पावर लोकोमोटिव को गुजरात के दाहोद वर्कशॉप में तैयार किया जा रहा है। यह भारतीय रेलवे के सबसे शक्तिशाली इंजनों में से एक होगा। रेलवे के अनुसार, यह इंजन आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगा, जिसमें टक्कर रोधी कवच तकनीक और अन्य सुरक्षा उपाय शामिल होंगे। इस लोकोमोटिव को स्पेसली भारतीय रेलवे की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है।

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क्रू केबिन में मिलेगा एसी

इस इंजन में लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के लिए क्रू केबिन में एयर कंडीशनिंग (एसी) की सुविधा भी दी गई है। गर्मी के मौसम में सफर के दौरान लोको पायलटों को अब अत्यधिक गर्मी से राहत मिलेगी। इससे उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी और वे अधिक आरामदायक माहौल में ट्रेन संचालन कर सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया दौरा

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुजरात के दाहोद वर्कशॉप का दौरा किया और इस लोकोमोटिव के निर्माण कार्य का दौरा किया। उन्होंने बताया कि यह लोकोमोटिव भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह पहले से कहीं अधिक कुशल, सुरक्षित और उन्नत तकनीक से लैस होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें फिट कवच प्रणाली, शौचालय और एसी जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, जो लोको पायलटों के लिए फायदेमंद होंगी।

सीमेंस और भारतीय रेलवे की साझेदारी

यह 9000 एचपी इंजन भारतीय रेलवे और सीमेंस के संयुक्त सहयोग से तैयार किया जा रहा है। सीमेंस ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उनकी यह साझेदारी भारतीय रेलवे को विश्वसनीय, सुरक्षित, कुशल और आधुनिक तकनीक से लैस करेगी। इसके तहत भारतीय रेलवे के कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी, ताकि वे इस नए इंजन को आसानी से संचालित और मेंटेन कर सकें।

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पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा की बचत करेगा नया इंजन

इस लोकोमोटिव में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे यह ऊर्जा की बचत करेगा और पर्यावरणीय असर को कम करेगा। यह इंजन कम संसाधनों में अधिक ऊर्जा दक्षता प्रदान करेगा, जिससे रेलवे का परिचालन अधिक टिकाऊ और लागत प्रभावी बनेगा।

9000 एचपी लोकोमोटिव की खासियत

  1. शौचालय की सुविधा – महिला और पुरुष लोको पायलटों के लिए पहली बार इंजन में शौचालय दिया जाएगा।
  2. एयर कंडीशनिंग – गर्मी में लोको पायलटों के लिए क्रू केबिन में एसी की सुविधा।
  3. रीजनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक – जिससे ऊर्जा की खपत कम होगी।
  4. टक्कर रोधी कवच तकनीक – ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एडवांस सुरक्षा प्रणाली।
  5. 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार – अधिकतम गति 120 किमी प्रति घंटा होगी।
  6. कम प्रदूषण उत्सर्जन – यह इंजन अधिक पर्यावरण-अनुकूल होगा।
  7. भारतीय रेलवे के मानकों के अनुसार डिज़ाइन – उच्च विश्वसनीयता, उपलब्धता, रखरखाव और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करता है।

भारतीय रेलवे के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह नया लोकोमोटिव?

भारतीय रेलवे अपने मालवाहन और यात्री ट्रेनों के संचालन को अधिक कुशल बनाने के लिए लगातार नई तकनीकों को अपनाता आ रहा है। 9000 एचपी का यह इंजन रेलवे के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा। इसकी उच्च क्षमता और नई सुविधाओं के कारण, यह रेलवे को अधिक तेजी और कुशलता से संचालन करने में मदद करेगा। साथ ही, इसमें दी गई शौचालय और एसी जैसी सुविधाएं लोको पायलटों के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगी।

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