पंचायती जमीन पर रहने वालों को मिलेगा मालिकाना हक, सरकार की तरफ से मिली मंजूरी Land Ownership Rights

Land Ownership Rights: हरियाणा सरकार ने ग्रामीणों और किसानों को बड़ी राहत देते हुए शामलात जमीन पर 20 साल से रह रहे परिवारों और खेती कर रहे किसानों को मालिकाना हक देने का फैसला लिया है. इस निर्णय के तहत 500 वर्ग गज तक के मकानों की रजिस्ट्री अब संबंधित व्यक्ति के नाम की जाएगी. यह कदम उन ग्रामीणों और किसानों के लिए एक नई शुरुआत लेकर आया है, जो वर्षों से इस जमीन पर बसे हुए थे.

20 साल से शामलात जमीन पर बसे ग्रामीणों के लिए राहत

हरियाणा ग्राम शामलात भूमि विनियमन संशोधन विधेयक और पंजाब ग्राम शामलात भूमि विनियमन हरियाणा संशोधन नियम के तहत उन ग्रामीणों को मालिकाना हक मिलेगा, जो 31 मार्च 2004 से पहले शामलात जमीन पर मकान बनाकर रह रहे हैं. इसके साथ ही वे किसान भी दावा कर सकते हैं, जो इस जमीन को पट्टे पर लेकर खेती कर रहे हैं. हालांकि, यदि मकान किसी तालाब, फिरनी (गांव की सीमा रेखा), या कृषि भूमि में हुआ तो उसे मालिकाना हक नहीं मिलेगा.

जमीन के मालिकाना हक के लिए शुल्क और प्रक्रिया

मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए ग्रामीणों और किसानों को कुछ शुल्क देना होगा.

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शुल्क का निर्धारण

    • वर्तमान कलेक्टर रेट का 50 प्रतिशत भुगतान करना होगा.
    • या 31 मार्च 2004 को निर्धारित कलेक्टर रेट का डेढ़ गुणा भुगतान करना होगा.

    आवेदन प्रक्रिया

      • आवेदन कलेक्टर (उपायुक्त) के समक्ष करना होगा.
      • आवेदक शुल्क का भुगतान एक साथ या 20 वार्षिक किस्तों में कर सकते हैं. किस्तों पर 7% साधारण ब्याज लिया जाएगा.

      यदि किसी कारण से आवेदन प्रक्रिया में देरी होती है, तो आवेदकों को समय सीमा में छूट भी दी जा सकती है.

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      पंचायती जमीन के हस्तांतरण में पंचायत की भूमिका

      शामलात जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत को भी एक निश्चित राशि का भुगतान करना होगा.

      • मूल पट्टेदार, हस्तांतरित व्यक्ति या उनके कानूनी उत्तराधिकारी को यह राशि अदा करनी होगी.
      • यह राशि पंचायत के खातों में जमा की जाएगी, ताकि पंचायत की जमीन का उपयोग वैध तरीके से हो सके.

      मनोहर लाल सरकार में हुआ था निर्णय

      यह निर्णय सबसे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में 5 मार्च को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था. हालांकि, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण इस पर कानून में संशोधन नहीं हो पाया.
      इसके बाद 12 जुलाई को मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला दोबारा मंजूर किया गया. अंततः नवंबर में आयोजित विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसे कानूनी रूप दिया गया.

      31 मार्च 2004 से पहले के निर्माण होंगे वैध

      सरकार ने उन ग्रामीणों को राहत दी है, जिन्होंने 31 मार्च 2004 से पहले शामलात जमीन पर अपने घर बनाए हैं.

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      500 वर्ग गज तक का निर्माण

        • 500 वर्ग गज तक के मकानों को वैध मानते हुए उनका मालिकाना हक दिया जाएगा.
        • यदि किसी ग्रामीण का मकान इस सीमा से अधिक है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

        खेती के लिए शामलात जमीन

          • 20 साल से खेती कर रहे किसानों को भी उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलेगा.
          • इसके लिए उन्हें कलेक्टर रेट के अनुसार शुल्क अदा करना होगा.

          एक साल के अंदर आवेदन करने की समय सीमा

          सरकार ने ग्रामीणों और किसानों को आवेदन के लिए एक साल की समय सीमा दी है.

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          • आवेदन कलेक्टर (उपायुक्त) के समक्ष किया जाएगा.
          • यदि किसी आवेदक को समय पर आवेदन करने में परेशानी होती है, तो उसे विशेष परिस्थितियों में समय सीमा से छूट भी दी जा सकती है.

          भुगतान का विकल्प

          ग्रामीण और किसान शुल्क का भुगतान दो तरीकों से कर सकते हैं:

          • एक साथ पूरा भुगतान.
          • 20 बराबर वार्षिक किस्तों में भुगतान, जिस पर 7% साधारण ब्याज लगेगा.

          यह सुविधा उन किसानों और ग्रामीणों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी, जो आर्थिक रूप से तुरंत बड़ी राशि का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं.

          जमीन पर हक और स्थायित्व

          हरियाणा सरकार का यह फैसला ग्रामीणों और किसानों को उनके घर और जमीन पर कानूनी हक दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसका उद्देश्य न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि उनके जीवन में स्थायित्व और विकास लाना भी है.

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