Transport Department: पंजाब परिवहन विभाग ने राज्य में धोखाधड़ी से पंजीकृत 3,802 बीएस-IV वाहनों की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) रद्द कर दी है. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार 1 अप्रैल 2020 के बाद इन वाहनों का पंजीकरण धोखाधड़ी से किया गया था. इसके बाद विभाग ने इनके पंजीकरण नंबर संबंधित एजेंसियों को सौंप दिए हैं. ताकि आगे की जांच में मदद मिल सके.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट
परिवहन विभाग ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है. इसमें बताया गया है कि कैसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर बीएस-IV वाहनों का पंजीकरण किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2020 के बाद बीएस-IV वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगाई थी. लेकिन इसके बावजूद कई वाहन धोखाधड़ी से पंजीकृत कर दिए गए.
अन्य राज्यों से लाए गए वाहन भी थे शामिल
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ वाहन अन्य राज्यों से लाकर पंजाब में पंजीकृत किए गए थे. इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन नियमों के खिलाफ किया गया था. जिससे सरकार को बड़ा नुकसान हो सकता था.
शुरुआती जांच में 5,706 वाहन संदिग्ध पाए गए
इस मामले में शुरुआत में विभाग को 5,706 वाहनों के फर्जी पंजीकरण की सूचना मिली थी. लेकिन विस्तृत जांच के बाद यह संख्या घटकर 3,802 रह गई. अधिकारियों का कहना है कि अभी भी कुछ मामलों की जांच जारी है और आगे और भी वाहनों की RC रद्द हो सकती हैं.
पंजीकरण धोखाधड़ी का मामला कैसे सामने आया?
परिवहन विभाग को शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ वाहनों का पंजीकरण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया गया है. जब इस मामले की जांच शुरू की गई, तो पता चला कि कई वाहन ऐसे थे जो या तो पुराने थे या फिर दूसरे राज्यों से लाकर पंजाब में अवैध तरीके से पंजीकृत किए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-IV वाहनों के पंजीकरण पर 1 अप्रैल 2020 के बाद रोक लगा दी थी. लेकिन कुछ डीलरों और एजेंटों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए इन वाहनों का पंजीकरण करवा दिया. यह न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन था. बल्कि सरकारी नियमों के खिलाफ भी था.
दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने साफ किया है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जो एजेंट और डीलर इस गड़बड़ी में शामिल थे. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं.
वाहन मालिकों को हो सकता है नुकसान
जिन वाहन मालिकों ने धोखाधड़ी से पंजीकृत वाहन खरीदे हैं. उनके लिए परेशानी बढ़ सकती है. यदि उनकी गाड़ी की RC रद्द हो जाती है, तो वे उसे सड़कों पर नहीं चला सकेंगे. इसके अलावा उन्हें कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है.
भविष्य में धोखाधड़ी रोकने के लिए उठाए गए कदम
परिवहन विभाग ने भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं:
- पंजीकरण एजेंटों और डीलरों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी.
- ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा.
- वाहनों के दस्तावेजों की दोबारा जांच की जाएगी.
- नए पंजीकरण के लिए सख्त सत्यापन प्रक्रिया लागू की जाएगी.