UP New Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रही है। इसी कड़ी में राज्य में गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, जो अपने आप में एक खास प्रोजेक्ट है। यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच सुगम कनेक्टिविटी स्थापित करेगा। सरकार के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी और इसका निर्माण 2 नवंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।
यूपी के 12 जिलों को होगा सीधा फायदा
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण यूपी के 12 प्रमुख जिलों को सीधा फायदा पहुंचाएगा। यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को आपस में जोड़ेगा। इसके बनने से न सिर्फ इन जिलों में औद्योगिक विकास तेज होगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
एक्सप्रेसवे निर्माण से जुड़े अहम तथ्य
- लंबाई: 594 किलोमीटर
- निर्माण लागत: 36,230 करोड़ रुपये
- अधिग्रहित भूमि: 7453.13 हेक्टेयर
- निर्माण एजेंसी: यूपीडा (UPIDA)
- मार्च 2026 तक पूरी तरह चालू होने की संभावना
- वाहनों की अधिकतम गति: 120 किमी/घंटा
- 6 लेन का एक्सप्रेसवे, भविष्य में 8 लेन तक विस्तार की योजना
नवंबर 2022 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPIDA) को सौंपी गई थी। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना का निर्माण नवंबर 2022 में शुरू किया गया था। हालांकि, इस प्रोजेक्ट को 2025 के कुंभ मेले से पहले पूरा करने की योजना थी, लेकिन विभिन्न तकनीकी और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी प्रक्रियाओं के कारण इसकी समय-सीमा बढ़ गई। अब इसे नवंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
430 किमी का निर्माण पूरा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 430 किलोमीटर का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष कार्य तेजी से किया जा रहा है। सरकार इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हर पॉसिबल प्रयास कर रही है। निर्माण कार्य की निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है, जो प्रगति की नियमित जांच कर रही है।
औद्योगिक और आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
गंगा एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा लाभ उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी और प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों से औद्योगिक क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
इससे मिलने वाले प्रमुख फायदे:
- परिवहन में तेजी: लंबी दूरी की यात्रा सुगम और समय की बचत होगी।
- व्यापार को मिलेगा बढ़ावा: व्यापारियों और उद्यमियों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी।
- रोजगार के अवसर: एक्सप्रेसवे निर्माण के दौरान हजारों लोगों को रोजगार मिला है, और इसके बाद लॉजिस्टिक्स और परिवहन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
- यात्री और वाहन चालक को राहत: बेहतर सड़कें और उच्च गति से यात्रा करने की सुविधा मिलेगी।
- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी।
सुरक्षा और आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इस हाईवे पर सीसीटीवी निगरानी, इमरजेंसी कॉल बॉक्स, मेडिकल सुविधा केंद्र, पेट्रोलिंग वाहन और टोल प्लाजा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इससे यात्री सुरक्षा सुनिश्चित होगी और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी।
वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बनाए जाएंगे स्पेशल कॉरिडोर
इस एक्सप्रेसवे के मार्ग में कई वन्यजीव क्षेत्र आते हैं, इसलिए सरकार ने वन्यजीव संरक्षण के लिए भी विशेष योजना बनाई है। एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों में इको ब्रिज और ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिससे जंगली जानवरों का प्राकृतिक मार्ग बाधित न हो।