UP New Expressway: उत्तर प्रदेश में विकास की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा, जिसकी कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी। इसके बनने से न केवल उत्तर प्रदेश के 12 जिलों का सफर आसान होगा, बल्कि दिल्ली से कनेक्टिविटी में भी बड़ा सुधार आएगा।
मेरठ से प्रयागराज तक की सीधी कनेक्टिविटी
गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा। यह पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने का सबसे तेज और सुविधाजनक मार्ग बनेगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली और प्रयागराज के बीच की यात्रा 8 घंटे में पूरी की जा सकेगी। यह सफर, जो पहले 10-12 घंटे का हुआ करता था, अब बेहद आसान और तेज होगा।
ग्रीन एक्सप्रेसवे का दर्जा
गंगा एक्सप्रेसवे को “ग्रीन एक्सप्रेसवे” का दर्जा दिया गया है। यह पर्यावरण के अनुकूल होगा और इसके निर्माण में विशेष रूप से उन तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है जो कार्बन उत्सर्जन को कम करेंगी। साथ ही, इस एक्सप्रेसवे के किनारे हरियाली को बढ़ावा देने के लिए हजारों पेड़ लगाए जाएंगे।
महाकुंभ 2025 तक पूरा होने की उम्मीद
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की योजना है कि इसे महाकुंभ 2025 से पहले पूरा कर लिया जाए। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में करोड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं, और यह एक्सप्रेसवे यात्रा को बेहद सुविधाजनक बना देगा।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से होगा जुड़ाव
गंगा एक्सप्रेसवे को सीधे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इससे दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी और भी कम हो जाएगी। यह जुड़ाव न केवल यातायात को तेज बनाएगा, बल्कि व्यापार और उद्योगों को भी बढ़ावा देगा।
12 जिलों को करेगा कवर
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों को कवर करेगा। यह मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। इन जिलों के लाखों लोगों के लिए यह एक्सप्रेसवे किसी वरदान से कम नहीं होगा।
इमरजेंसी लैंडिंग की सुविधा
गंगा एक्सप्रेसवे को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे इमरजेंसी स्थिति में हवाई जहाजों की लैंडिंग के लिए तैयार होगा। इस तरह के प्रावधान से न केवल आपातकालीन सेवाएं बेहतर होंगी, बल्कि यह एक्सप्रेसवे कई नजरियों से भी महत्वपूर्ण बन जाएगा।
टोल प्लाजा और गति सीमा
गंगा एक्सप्रेसवे पर मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा बनाए जाएंगे। इसके अलावा, 12 अन्य स्थानों पर रैंप टोल प्लाजा होंगे। इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है, जो तेज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।
व्यापार और उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
गंगा एक्सप्रेसवे से न केवल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि व्यापार और उद्योग को भी बड़ा लाभ मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से जोड़ेगा। इससे उत्पादों की तेज और सस्ती परिवहन सुविधा मिलेगी।
रोजगार के नए अवसर
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण और उसके संचालन से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। निर्माण के दौरान मजदूरों, इंजीनियरों और तकनीशियनों की भारी मांग है। इसके अलावा, टोल प्लाजा और अन्य सुविधाओं के लिए स्थायी रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
सफर को आसान बनाने की दिशा में कदम
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार की एक बड़ी योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राज्य के हर कोने को तेज और सुगम परिवहन सुविधा से जोड़ना है। इस एक्सप्रेसवे के जरिए यात्री न केवल समय की बचत करेंगे, बल्कि उन्हें एक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव भी मिलेगा।
यूपी की कनेक्टिविटी में होगा बड़ा सुधार
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश की परिवहन प्रणाली में एक बड़ा सुधार होगा। यह एक्सप्रेसवे राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम बनेगा। इससे न केवल कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि राज्य का आर्थिक और सामाजिक विकास भी तेजी से होगा।