Fixed Deposit: जब आप फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं तो आपको निवेश पर एक निश्चित और गारंटीड रिटर्न की उम्मीद होती है. यह एक ऐसा निवेश माध्यम है जो बाजार की अस्थिरता से मुक्त होता है. बैंक यह सुनिश्चित करते हैं कि आपकी जमा राशि पर आपको पूर्व निर्धारित दर से ब्याज प्राप्त होगा, चाहे मार्केट के हालात कैसे भी हों.
प्रीमैच्योर विदड्रॉल का ऑप्शन और उसके नियम
कभी-कभी वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) के दौरान निवेशकों को अपने फिक्स्ड डिपॉजिट को समय से पहले तोड़ने की आवश्यकता पड़ सकती है. इसे प्रीमैच्योर विदड्रॉल कहते हैं, जिसके लिए बैंक एक पेनाल्टी (Withdrawal Penalty) लगाते हैं. यह पेनाल्टी निवेशक को मिलने वाले कुल ब्याज में कटौती का कारण बनती है.
पेनाल्टी की गणना और इसका असर
यदि आप अपने फिक्स्ड डिपॉजिट को मैच्योरिटी से पहले तोड़ते हैं, तो बैंक आपके ब्याज की गणना पेनाल्टी के साथ करता है. इस पेनाल्टी की दर आमतौर पर ब्याज दर का 0.5% से 1% होती है, जिससे आपके ब्याज में कमी (Reduced Interest) आती है. यह आपके निवेश पर मिलने वाले कुल रिटर्न को प्रभावित करता है.
एसबीआई के नियम और उनका असर
भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) में यदि आप मैच्योरिटी से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ते हैं, तो आपको एक निश्चित पेनाल्टी देनी पड़ती है. इस पेनाल्टी के कारण, जिसमें 1% तक की कटौती शामिल हो सकती है, आपके ब्याज में कमी आती है. यह नियम उस राशि पर निर्भर करता है जिसे आपने जमा किया है.
फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज की गणना
जब आप समय से पहले अपने फिक्स्ड डिपॉजिट को तोड़ते हैं, तो बैंक बुक्ड रेट (Booked Rate) पर ब्याज नहीं देता है, बल्कि उस अवधि के लिए कार्ड रेट पर ब्याज देता है जिसमें आपका पैसा बैंक में रहा है. यह नियम आपको कम ब्याज दिलाने का कारण बनता है.