Mukesh Ambani Education: मुकेश अंबानी, जो आज रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, केवल एक बिजनेस टाइकून ही नहीं बल्कि एक मजबूत एजुकेशनल बैकग्राउंड वाले व्यक्ति भी हैं। उनकी शिक्षा ने उनके बिजनेस करियर को मजबूत नींव प्रदान की, जिससे वे आज दुनिया के सबसे सफल उद्योगपतियों में से एक बने।
मुंबई का हिल ग्रेंज हाई स्कूल
मुकेश अंबानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 को यमन के अदन शहर में हुआ था, लेकिन उनका परिवार जल्द ही भारत लौट आया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के पेडर रोड पर स्थित हिल ग्रेंज हाई स्कूल में हुई। यह स्कूल अपनी एजुकेशनल गुणवत्ता के लिए जाना जाता है और छात्रों के ओवरऑल डेवलपमेंट पर जोर देता है।
साल 1939 में स्थापित इस स्कूल ने कई सफल उद्योगपतियों और लीडर्स को तैयार किया है। स्कूल में पढ़ाई के दौरान मुकेश अंबानी को विज्ञान और गणित में गहरी रुचि थी, जो बाद में उनके बिजनेस करियर में काम आई।
केमिकल इंजीनियरिंग में उच्च शिक्षा
हिल ग्रेंज हाई स्कूल से शिक्षा पूरी करने के बाद, मुकेश अंबानी ने इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई (पूर्व में यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई विश्वविद्यालय) में दाखिला लिया। यहां से उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजवैशन की डिग्री प्राप्त की।
केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई ने उन्हें बिजनेस में तकनीकी समझ विकसित करने में मदद की, जिससे वे रिलायंस इंडस्ट्रीज को ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल और दूरसंचार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विस्तारित कर सके।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA की पढ़ाई
उच्च शिक्षा के लिए मुकेश अंबानी ने अमेरिका के फेमस स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। यहां उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई शुरू की। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटी में गिनी जाती है और यहां पढ़ाई करना किसी भी छात्र के लिए गर्व की बात होती है।
MBA की पढ़ाई के दौरान, मुकेश अंबानी को ग्लोबल बिजनेस की गहरी समझ मिली और उन्होंने पॉलिसी मैनेजमेंट और लीडरशिप में निपुणता हासिल की।
पिता के बिजनेस में हाथ बंटाने के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी छोड़ी
साल 1980 में, जब मुकेश अंबानी स्टैनफोर्ड में पढ़ाई कर रहे थे, तब उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने उन्हें रिलायंस के व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए भारत वापस बुलाया।
मुकेश अंबानी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी को छोड़कर रिलायंस इंडस्ट्रीज में सक्रिय रूप से योगदान देना शुरू किया। यह निर्णय उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। उन्होंने अपने पिता के मार्गदर्शन में रिलायंस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई।
शिक्षा से मिले बिजनेस मैनेजमेंट के कौशल
हालांकि मुकेश अंबानी ने MBA की पढ़ाई पूरी नहीं की, लेकिन स्टैनफोर्ड में बिताए गए समय ने उन्हें बिजनेस की गहरी समझ दी। उन्होंने बिजनस पॉलिसी, मनी मैनेजमेंट और इनोवेशन जैसी जरूरी चीजों में निपुणता हासिल की।
उनकी केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई ने भी उन्हें उद्योग की तकनीकी समझ प्रदान की, जिससे वे पेट्रोकेमिकल और ऊर्जा क्षेत्र में नए इनोवेशन ला सके।
रिलायंस इंडस्ट्रीज
मुकेश अंबानी की शिक्षा और उनके पिता से मिले व्यावसायिक ज्ञान ने उन्हें रिलायंस इंडस्ट्रीज को भारत की सबसे बड़ी कंपनी बनाने में मदद की। उनके नेतृत्व में, रिलायंस ने पेट्रोकेमिकल, रिटेल, टेलीकॉम और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में अपना दबदबा बनाया।
उन्होंने 2016 में जियो (Jio) लॉन्च किया, जिसने भारतीय दूरसंचार उद्योग में क्रांति ला दी। जियो ने न केवल इंटरनेट की पहुंच को बढ़ाया, बल्कि डिजिटल इंडिया के सपने को भी साकार किया।