Bank FD Rules: भारतीय स्टेट बैंक HDFC और पंजाब नेशनल बैंक में Fixed Deposit के लिए नई नीतियाँ सामने आई हैं. अगर कोई निवेशक निर्धारित समय से पहले अपनी FD तोड़ता है तो उसे अब अधिक पेनाल्टी का सामना करना पड़ सकता है. यह नया नियम निवेशकों के लिए ब्याज दरों में कटौती के साथ साथ उनके निवेश पर नुकसान को बढ़ा सकता है.
रेपो रेट में कटौती का असर
हाल ही में RBI की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की गई. इस कटौती के कारण विभिन्न बैंकों की FD ब्याज दरों में कमी आ सकती है जिससे लोन (effect of repo rate on interest rates) लेने वालों को तो फायदा होगा पर FD निवेशकों को कम रिटर्न मिलेगा. इससे उनका निवेश उतना लाभदायक नहीं रह जायेगा.
नए नियमों से निवेशकों के लिए ऑप्शन
बढ़ती पेनाल्टी दरों के चलते निवेशक अपनी मौजूदा FD योजनाओं को समय से पहले तोड़ने की सोच सकते हैं. इस परिस्थिति में वे नई और अधिक दीर्घकालिक योजनाओं में पुनर्निवेश (long-term investment plans) कर सकते हैं. इससे पहले कि ब्याज दरों में और गिरावट आए, निवेशकों को चाहिए कि वे मौजूदा दरों का फायदा उठा लें.
प्री-मैच्योर निकासी पर जुर्माना
समय से पहले FD तोड़ने पर बैंक जुर्माना लगाते हैं, जो कि आमतौर पर 0.5% से 1% (premature withdrawal penalty) के बीच होता है. यह जुर्माना निवेशकों के लिए नुकसान को और बढ़ा सकता है, खासकर जब उन्होंने बड़ी रकम निवेश की हो.
भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में नियम
SBI और PNB दोनों ही बैंकों में जुर्माना लागू होता है जब FD समय से पहले तोड़ी जाती है. SBI में 5 लाख रुपये तक के निवेश पर 0.5% और उससे ऊपर के निवेश पर 1% की पेनाल्टी लगती है (SBI premature FD withdrawal penalty), जबकि PNB में भी समान नियम लागू होते हैं.
HDFC बैंक की FD पर पेनाल्टी
HDFC बैंक में समय से पहले निकासी पर 1% की पेनाल्टी लगती है (HDFC FD early withdrawal charges), जिससे निवेशकों को तय दर से कम रिटर्न मिलता है. इससे उनके निवेश की संभावित बढ़ोतरी पर असर पड़ता है.