Mahakumbh: महाकुंभ 2025 के आयोजन ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया है। हर 12 साल में आयोजित होने वाले इस धार्मिक मेले में करोड़ों श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। इस आयोजन की विशालता को देखते हुए प्रशासन ने कई सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, जिनमें रेलवे द्वारा हजारों स्पेशल ट्रेनों का संचालन शामिल है।
प्रयागराज में कितने रेलवे स्टेशन हैं?
प्रयागराज में रेलवे नेटवर्क काफी मजबूत है। यहां कुल 9 प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आवाजाही को आसान बनाते हैं। ये स्टेशन हैं:
- प्रयागराज जंक्शन
- फाफामऊ जंक्शन
- प्रयाग जंक्शन
- प्रयागराज संगम
- झूंसी रेलवे स्टेशन
- प्रयागराज छिंवकी
- नैनी जंक्शन
- प्रयागराज रामबाग
- सूबेदार गंज रेलवे स्टेशन
प्रयागराज का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन
प्रयागराज का प्रमुख रेलवे स्टेशन प्रयागराज जंक्शन है। पहले इसे इलाहाबाद जंक्शन के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका नाम बदलकर प्रयागराज जंक्शन कर दिया।
यह रेलवे स्टेशन देशभर से आने वाली ज्यादातर ट्रेनों का प्रमुख ठहराव है। हालांकि, संगम क्षेत्र से इसकी दूरी लगभग 11 किलोमीटर है, इसलिए संगम पहुंचने के लिए यहां से कैब, ऑटो या बस की जरूरत होती है।
संगम का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन
महाकुंभ में संगम क्षेत्र तक आसानी से पहुंचने के लिए यह जानना जरूरी है कि कौन सा स्टेशन सबसे नजदीक है। प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन संगम क्षेत्र से केवल 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्टेशन महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।
इसके अलावा, झूंसी रेलवे स्टेशन भी संगम के करीब है, जिसकी दूरी लगभग 3.5 किलोमीटर है।
प्रयागराज के अन्य प्रमुख स्टेशनों से संगम की दूरी
यहां एक सूची दी गई है, जिसमें प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों से संगम क्षेत्र की दूरी बताई गई है:
रेलवे स्टेशन | संगम से दूरी (किमी) |
---|---|
प्रयागराज जंक्शन | 11 किमी |
फाफामऊ जंक्शन | 18 किमी |
प्रयागराज संगम | 2.5 किमी |
झूंसी रेलवे स्टेशन | 3.5 किमी |
प्रयागराज छिंवकी | 10 किमी |
नैनी जंक्शन | 8 किमी |
प्रयागराज रामबाग | 9 किमी |
सूबेदार गंज | 14 किमी |
संगम क्षेत्र तक पहुंचने के ऑप्शन
प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों पर रोजाना 110 से अधिक ट्रेनें रुकती हैं। महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने 3000 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। इन ट्रेनों के जरिए श्रद्धालु प्रयागराज के किसी भी प्रमुख स्टेशन पर उतर सकते हैं।
इन स्टेशनों से संगम क्षेत्र तक पहुंचने के लिए ऑप्शन
- ऑटो और ई-रिक्शा: संगम तक जाने का सबसे सस्ता और पॉपुलर साधन।
- कैब और टैक्सी: यदि आप आरामदायक यात्रा चाहते हैं, तो कैब एक अच्छा ऑप्शन है।
- बस सेवा: महाकुंभ के लिए प्रशासन ने स्पेशल बस सेवाएं भी शुरू की हैं।
- पैदल यात्रा: स्टेशन से संगम तक पहुंचने के लिए कुछ दूरी पैदल चलना होता है, जो मेले का आनंद लेने का एक अलग अनुभव प्रदान करता है।
प्रयागराज संगम
प्रयागराज संगम वह स्थान है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं। इस स्थान को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। महाकुंभ के दौरान यहां स्नान करना जीवन के पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए स्नान घाट, पंडाल, और ध्यान-योग के स्थान विशेष रूप से तैयार किए गए हैं।
रेलवे का महाकुंभ में योगदान
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन के दौरान रेलवे की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। रेलवे ने न केवल स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, बल्कि स्टेशनों पर एक्स्ट्रा काउंटर, हेल्प डेस्क और सफाई व्यवस्था भी सुनिश्चित की है।
साथ ही, रेलवे ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टिकट बुकिंग प्रक्रिया को भी आसान बनाया है। ऑनलाइन टिकट बुकिंग, मोबाइल एप और स्टेशन पर अतिरिक्त टिकट विंडो जैसे उपाय किए गए हैं।