Ganga Jal: हिंदू धर्म में गंगा नदी को अत्यंत पवित्र माना गया है. यह न केवल पूजा-पाठ में, बल्कि घर के शुद्धिकरण और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भी गंगाजल का उपयोग होता है. गंगाजल की एक विशेषता यह है कि इसे लंबे समय तक स्टोर करने पर भी यह खराब नहीं होता, जो इसे और भी विशेष बनाता है.
गंगाजल में बैक्टीरियोफेज की भूमिका
वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार गंगाजल में बैक्टीरियोफेज (bacteriophages) की मौजूदगी इसके लंबे समय तक संरक्षण में मुख्य भूमिका निभाती है. ये विशेष प्रकार के वायरस होते हैं जो बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं इस प्रकार गंगाजल को लंबे समय तक ताजा और सुरक्षित रखते हैं.
अन्य नदियों की तुलना में गंगाजल की खासियत
जहां अन्य नदियों में बैक्टीरियोफेज की संख्या कम होती है वहीं गंगा नदी में इनकी मौजूदगी अधिक होती है. इस विशेषता के कारण गंगाजल अन्य नदी जल की तुलना में जल्दी खराब नहीं होता है.
गंगाजल के वैज्ञानिक गुण
गंगाजल में सल्फर की मात्रा भी अधिक होती है, जो इसे माइक्रोबियल गतिविधियों से सुरक्षित रखती है. इसके अलावा गंगाजल में अन्य खनिज और जैविक तत्व भी होते हैं जो इसे विशेष बनाते हैं और इसका उपयोग विभिन्न धार्मिक और शुद्धिकरण अनुष्ठानों में किया जाता है .
गंगाजल का उपयोग और महत्व
गंगाजल का उपयोग घर के शुद्धिकरण से लेकर व्यक्तिगत पूजा में किया जाता है. यह न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी माने जाते हैं. घर में गंगाजल का छिड़काव नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है.