Bussiness Idea: सुल्तानपुर जिले की सविता श्रीवास्तव ने अपने उत्कृष्ट व्यंजनों के जरिए स्थानीय स्तर पर खुद को एक पहचान दी है. सविता द्वारा बनाया गया आंवले का मुरब्बा न केवल स्वाद में लाजवाब है बल्कि यह सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से लोकप्रिय होता जा रहा है. उनकी इस कला ने न सिर्फ उन्हें एक आर्थिक स्थिरता प्रदान की है बल्कि समाज में उन्हें एक नई पहचान भी दिलाई है.
शुरुआती दिनों की चुनौतियाँ
जब सविता ने 2010 में मुरब्बा बनाने का काम शुरू किया, तो उन्हें आस-पास के लोगों से काफी ताने सुनने को मिले. हालांकि, उन्होंने इन नकारात्मक प्रतिक्रियाओं को नजरअंदाज करते हुए अपने काम में जुटी रहीं और आज वह अपनी मेहनत का मीठा फल पा रही हैं.
विविधता भरे अचार
सविता न केवल मुरब्बा बल्कि विभिन्न प्रकार के अचार भी बनाती हैं, जिसमें आंवले, आम, लहसुन, कटहल, नींबू, और करौंदे का अचार शामिल है. इनके अचार स्थानीय बाजार में काफी पसंद किए जाते हैं और इनकी मांग में लगातार वृद्धि हो रही है.
आर्थिक स्वतंत्रता की ओर
मुरब्बे के इस व्यवसाय से सविता को प्रतिमाह हजारों रुपए की कमाई हो रही है. वह विशेष अवसरों पर बड़ी मात्रा में मुरब्बा तैयार करती हैं, जिससे उनकी आय में काफी बढ़ोतरी होती है.
समाज में एक प्रेरणा
सविता अपनी मेहनत और संघर्ष के जरिए यह साबित कर चुकी हैं कि किसी भी मुश्किल को पार करके सफलता हासिल की जा सकती है. उनका उदाहरण न केवल आर्थिक दृष्टि से लाभकारी है बल्कि यह अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायक है, जिन्हें सविता ने अपने व्यवसाय में प्रशिक्षित किया है.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल से सम्मानित
सविता श्रीवास्तव को उनके खास कार्य के लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया है जो उनकी मेहनत और सफलता का मान्यता है. उनका काम न केवल सुल्तानपुर बल्कि आसपास के कई जिलों में भी सराहनीय है.
सविता की कहानी न सिर्फ एक व्यक्तिगत सफलता की कहानी है बल्कि यह सामाजिक बदलाव का एक माध्यम भी है, जो दिखाता है कि दृढ़ संकल्प और सच्ची मेहनत से कैसे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है.