Free Solar Panel: सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और इसे आम जनता तक सुलभ बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम सूर्य घर योजना के तहत दो नए वित्तीय मॉडल पेश किए हैं. ये मॉडल हैं नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (आरईएससीओ) मॉडल और उपयोगिता-आधारित एकत्रीकरण मॉडल इन दोनों मॉडलों की खास बात यह है कि उपभोक्ता को अपनी छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र (Free Solar Panel) लगाने के लिए कोई प्रारंभिक लागत नहीं देनी होगी.
आरईएससीओ मॉडल सौर ऊर्जा का नया दृष्टिकोण
आरईएससीओ मॉडल में थर्ड पार्टी कंपनियां उपभोक्ताओं की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र (Free Solar Panel) स्थापित करेंगी.
- कैसे काम करता है यह मॉडल? थर्ड पार्टी कंपनियां संयंत्र स्थापित करने और उसकी देखरेख का कार्य संभालेंगी. उपभोक्ताओं को केवल उत्पन्न की गई बिजली के लिए भुगतान करना होगा.
- लाभ: उपभोक्ताओं को शुरुआती निवेश की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. सौर ऊर्जा से बिजली बिल में कमी आएगी.
उपयोगिता-आधारित एकत्रीकरण मॉडल
इस मॉडल में बिजली वितरण कंपनियां (डिस्काम) या राज्य द्वारा नामित संस्थाएं सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेंगी.
- कैसे होगा संचालन? डिस्काम सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगी और उपभोक्ताओं को केवल इस्तेमाल की गई बिजली के लिए भुगतान करना होगा.
- लाभ: उपभोक्ताओं को बिजली की सस्ती दरों पर उपलब्धता. बिजली वितरण कंपनियों और उपभोक्ताओं के बीच पारदर्शिता.
आरईएससीओ मॉडल को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ का कोष
सरकार ने आरईएससीओ मॉडल के तहत किए गए निवेश को जोखिम मुक्त बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये का कोष बनाया है.
- नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का उद्देश्य: यह कोष निवेशकों का विश्वास बढ़ाने और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में और अधिक निजी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए स्थापित किया गया है.
- कैपेक्स मोड का विकल्प: ये वित्तीय मॉडल कैपेक्स मोड (जहां उपभोक्ता संयंत्र की पूरी लागत वहन करता है) के अतिरिक्त विकल्प प्रदान करते हैं.
पीएम सूर्य घर योजना का मुख्य उद्देश्य
पीएम सूर्य घर योजना का लक्ष्य है मार्च 2027 तक 1 करोड़ घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ना.
- योजना की शुरुआत: फरवरी 2024 में इस योजना को ₹75,021 करोड़ के आवंटित बजट के साथ शुरू किया गया था.
- प्रमुख आंकड़े: – 3-5 किलोवाट लोड सेगमेंट में 77% इंस्टॉलेशन.
- 5 किलोवाट से अधिक लोड में 14% इंस्टॉलेशन.
सौर ऊर्जा के लिए गुजरात बना सबसे अग्रणी राज्य
गुजरात ने सौर ऊर्जा संयंत्र इंस्टॉलेशन में पहला स्थान हासिल किया है.
अन्य अग्रणी राज्य महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल आदि.
- 1.45 करोड़ से अधिक पंजीकरण: सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 1.45 करोड़ पंजीकरण हो चुके हैं.
40 प्रतिशत सब्सिडी से सौर ऊर्जा सस्ती और सुलभ
योजना के तहत घरों को 40% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है.
- अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा: यह सब्सिडी सौर ऊर्जा को अधिक किफायती और सुलभ बनाती है.
- पर्यावरणीय लाभ: सौर ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा.
सौर ऊर्जा संयंत्र से जुड़े फायदे
- बिजली बिल में कमी: – सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का उपयोग करने से परंपरागत बिजली पर निर्भरता कम होगी.
- पर्यावरण संरक्षण: अक्षय ऊर्जा का उपयोग कार्बन उत्सर्जन को कम करता है.
- आसान स्थापना: थर्ड पार्टी या डिस्काम द्वारा संयंत्र स्थापित किए जाने से उपभोक्ताओं को कोई झंझट नहीं.
- स्थिर ऊर्जा लागत: सौर ऊर्जा की लागत स्थिर होती है. जिससे उपभोक्ता को भविष्य में लाभ होता है.
भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य
भारत में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है.
- उद्योग और रोजगार: सौर ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण से रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.
- अक्षय ऊर्जा में आत्मनिर्भरता: सौर ऊर्जा के उपयोग से भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बन रहा है.