स्मार्ट बिजली मीटर को लेकर सरकार का नया फैसला, इन इलाकों में नहीं लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर Smart Meter

Ravi Kishan
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Smart Meter: प्रदेश में स्मार्ट मीटर पर्वतीय क्षेत्रों और ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में अभी नहीं लगाए जाएंगे, जहां इंटरनेट कनेक्शन की समस्या है. संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में स्पष्ट किया कि इंटरनेट संबंधित समस्याओं के कारण इन क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना को रोका गया है. इसके अलावा, यह योजना रियल टाइम में बिजली की खपत की जानकारी प्रदान करने का एक माध्यम बनेगी.

विपक्ष का सदन में विरोध

सरकार के इस निर्णय से नाराज विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सदन के बाहर धरना भी दिया और सरकार पर जबरन स्मार्ट मीटर लगाने का आरोप लगाया. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जबरन आमजन पर स्मार्ट मीटर थोप रही है, जिसमें भ्रष्टाचार की भी बातें सामने आई हैं.

स्मार्ट मीटर लगाने की योजना

सरकार ने घोषणा की है कि प्रदेश भर में adaani ग्रुप को प्री पेड मीटर लगाने का कार्य सौंपा गया है. इस योजना के तहत, जनता पर मनचाहा दबाव बनाने की क्षमता होगी और यदि रिचार्ज नहीं किया जाता है तो बिजली स्वत: कट जाएगी. यह योजना जहां पहले स्मार्ट मीटर लगाई गई हैं वहां भी कई खामियां उजागर हो चुकी हैं.

विधायकों की चर्चा और सरकार का जवाब

सरकार की इस योजना पर विधायक तिलकराज बेहड़ और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कड़ी आलोचना की. उन्होंने सरकार पर अलग-अलग कंपनियों को महत्वपूर्ण ठेके देने का आरोप लगाया, जिनमें भ्रष्टाचार की संभावना है. संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब देते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने से चोरी रुकेगी और बिलिंग की समस्याएं समाप्त होंगी, क्योंकि यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से की जा रही है.

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