Haryana News: हरियाणा सरकार द्वारा सोहना में 708 सस्ते फ्लैट्स के आवंटन पर रोक लगाने का फैसला एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला तब लिया गया जब जांच में सामने आया कि सभी लाभार्थियों का पता सोहना का ही था। यह सवाल उठना नेचुरल है कि आखिर कैसे सभी सेलेक्टेड लाभार्थी एक ही शहर से हो सकते हैं।
सरकार ने नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को दिए जांच के निर्देश
हरियाणा सरकार के नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने इस मामले में आदेश जारी कर दिए हैं, जिससे आगे की जांच की जा सके। अगर इसमें कोई अनियमितता पाई जाती है, तो आवंटन प्रक्रिया में बदलाव संभव है या इसे दोबारा शुरू किया जा सकता है। यह कदम यह भी दर्शाता है कि सरकार आवासीय योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अलर्ट है, ताकि सही जरूरतमंदों को इसका फायदा मिल सके।
किफायती आवास परियोजना में अनियमितता की आशंका
हरियाणा सरकार की किफायती आवास परियोजना के तहत सोहना में 708 फ्लैट्स के आवंटन पर रोक पॉसिबल अनियमितता की ओर इशारा करता है। 51,000 आवेदनों में से सिर्फ सोहना के लोगों का सिलेक्शन होना संदेह पैदा करता है, क्योंकि यह प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित की जाती है, जहां सभी आवेदकों को समान अवसर मिलना चाहिए।
नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के सख्त कदम
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर एवं ग्राम आयोजना निदेशक अमित खत्री ने मंगलवार को आदेश जारी कर आवंटन पर रोक लगा दी। अब इस पूरे मामले की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रक्रिया बिना किसी पक्षपात और पारदर्शी हो। यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो आवंटन प्रक्रिया को फिर से किया जा सकता है या उसमें आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं।
10 दिनों में सौंपनी होगी जांच रिपोर्ट
सरकार ने इस विवाद को लेकर मुख्य नगर योजनाकार को 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। यह कदम सरकार की गंभीरता को दर्शाता है कि वह आवासीय योजनाओं में किसी भी तरह की धांधली को बर्दाश्त नहीं करेगी।
किफायती आवास योजना की शुरुआत और उद्देश्य
हरियाणा सरकार ने 2016 में किफायती आवास नीति के तहत इस योजना की शुरुआत की थी। इस नीति का उद्देश्य मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को किफायती दरों पर आवास उपलब्ध कराना था। वर्तमान में गुरुग्राम में इन फ्लैट्स की दर 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट है।
27 जनवरी को हुआ था ई-ड्रॉ
27 जनवरी को सोहना सेक्टर 36 में स्थित 708 फ्लैट्स के लिए ई-ड्रॉ आयोजित किया गया था, जिसमें 51,586 आवेदकों ने भाग लिया। लेकिन इस ड्रॉ के नतीजे चौंकाने वाले थे, क्योंकि सभी शॉर्टलिस्ट किए गए लाभार्थी केवल सोहना शहर से ही थे। यह स्थिति सरकार की पॉलिसी के उलटी थी, क्योंकि किसी एक विशेष क्षेत्र के लोगों को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए थी।
गुरुग्राम नगर योजनाकार ने जताई गड़बड़ी की आशंका
गुरुग्राम की सीनियर नगर योजनाकार रेनूका सिंह ने बताया कि उनके कार्यालय ने इस गड़बड़ी को पकड़कर मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि कुछ हरियाणा और दिल्ली के निवासियों ने भी अपना एड्रेस सोहना बताया और उन्हें भी सफल लाभार्थियों की सूची में शामिल कर दिया गया, जिससे अनियमितता की आशंका और गहरी हो गई है
क्या होगा आगे?
सरकार की जांच रिपोर्ट के आने के बाद यह तय होगा कि इस योजना के आवंटन को किस तरह से दोबारा निष्पक्ष तरीके से किया जा सकता है। अगर जांच में कोई अनियमितता साबित होती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है और प्रक्रिया को दोबारा संचालित किया जा सकता है।