हरियाणा के इस जिले में सरसों खरीद हुई शुरू, एक दिन में खरीदी की होगी इतनी लिमिट Purchase Of Mustard

Ram Shyam
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Purchase Of Mustard: रेवाड़ी जिले में 15 मार्च 2025 से सरसों की खरीद प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. जिले की तीन प्रमुख अनाज मंडियों – रेवाड़ी, कोसली और बावल में सरसों की सरकारी खरीद की जाएगी. इसमें रेवाड़ी में हैफेड (HAFED) और कोसली व बावल में हरियाणा वेयर हाउस निगम सरसों की खरीद करेगा. इस साल सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5,950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.

खरीद प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों की बैठक

सरसों खरीद की सुचारू व्यवस्था के लिए प्रशासन ने आढ़तियों, हैफेड के जिला प्रबंधक (DM) और मार्केटिंग बोर्ड के डीएमईओ के साथ बैठक की. बैठक में यह तय किया गया कि किसानों को अपनी सरसों मंडी में लाने से पहले गेट पास (टोकन) लेना अनिवार्य होगा. किसान एक दिन में अधिकतम 25 क्विंटल सरसों ही बेच सकेंगे.

खरीद के लिए स्थान को लेकर संशय बरकरार

प्रशासन अभी तक यह तय नहीं कर पाया है कि रेवाड़ी में सरसों की खरीद अनाज मंडी में होगी या बिठवाना सब्जी मंडी में. पिछले वर्षों में सरसों की खरीद बिठवाना मंडी में होती थी. लेकिन इस बार वहां कुछ आपत्तियां दर्ज की गई हैं. अनाज मंडी के प्रधान अशोक यादव ने कहा कि अगर सरकारी खरीद भी अनाज मंडी में होगी तो निजी व्यापारियों के साथ समन्वय बिठाने में मुश्किल आ सकती है.

सरसों की गुणवत्ता को लेकर दिशा-निर्देश

किसानों को सरसों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा. खरीद केंद्रों पर केवल उन्हीं बैचों को स्वीकार किया जाएगा, जो निर्धारित मानकों पर खरे उतरेंगे.

  • नमी: 8% तक की नमी वाली सरसों ही खरीदी जाएगी.
  • मिलावट: 2% तक मिलावट की अनुमति होगी.
  • सिकुड़े हुए दाने: अधिकतम 4% तक सिकुड़े हुए दाने स्वीकार किए जाएंगे.
  • क्षतिग्रस्त दाने: 2% तक क्षतिग्रस्त दाने मान्य होंगे.
  • अत्यधिक खराब गुणवत्ता वाली सरसों अस्वीकार कर दी जाएगी.

किसानों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश

सरसों की अच्छी कीमत पाने और बिक्री में किसी भी प्रकार की परेशानी से बचने के लिए किसानों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना होगा:

  • सरसों को अच्छी तरह सुखाकर मंडी में लाएं.
  • सरसों में नमी 8% से अधिक नहीं होनी चाहिए.
  • सभी दाने स्वस्थ और अच्छी गुणवत्ता वाले होने चाहिए.
  • मार्केट में आने से पहले टोकन प्राप्त करें और अपनी बारी का इंतजार करें.
  • किसी भी प्रकार की मिलावट या खराब सरसों होने पर खरीद केंद्रों पर समस्या हो सकती है.

सरकार द्वारा किसानों को सरसों खरीद में सहूलियत

हरियाणा सरकार किसानों की उपज को सही मूल्य दिलाने के लिए प्रयासरत है. इस बार मंडियों में किसानों की सुविधा के लिए नई व्यवस्थाएं की गई हैं. मंडियों में खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए डिजिटल टोकन सिस्टम लागू किया जाएगा. जिससे भीड़-भाड़ से बचा जा सकेगा.

सरसों की सरकारी खरीद के फायदे

सरसों की सरकारी खरीद से किसानों को कई फायदे होंगे:

  • उचित दाम मिलेगा – न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों बेचने से किसानों को बाजार में दाम गिरने की चिंता नहीं रहेगी.
  • सुरक्षित भुगतान – सरकारी खरीद में भुगतान की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुरक्षित होगी.
  • किसानों को समय पर भुगतान – सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उनकी फसल का पैसा जल्द से जल्द मिले.
  • मार्केट में स्थिरता – सरकारी खरीद से बाजार में सरसों की कीमत स्थिर रहेगी और किसानों को घाटा होने की संभावना कम होगी.

निजी व्यापारियों के लिए चुनौती

सरकारी खरीद शुरू होने से निजी व्यापारियों के सामने कुछ चुनौतियां आ सकती हैं. अक्सर देखा गया है कि सरकारी खरीद के दौरान बाजार में सरसों के दामों में स्थिरता रहती है. जिससे व्यापारी ऊंचे दामों पर खरीदारी नहीं कर पाते. हालांकि निजी खरीदारों के पास अधिक लचीलापन होता है. क्योंकि वे गुणवत्ता के अनुसार अलग-अलग दामों पर फसल खरीद सकते हैं.

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