सरकारी अधिकारियों को 50 साल की उम्र में मिलेगा रिटायरमेंट, एक्सटेंशन पर लगाई जाएगी रोक Government Employees Retirement

Ravi Kishan
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Government Employees Retirement: हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी नीतियों को और सख्त कर दिया है। अब यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार में शामिल पाया जाता है, तो उसे 50 वर्ष की उम्र में ही अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया जाएगा। यह फैसला प्रदेश में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

सरकार की नई नीति

हरियाणा सरकार ने इस नियम को तुरंत असर से लागू कर दिया है। प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने जानकारी दी कि इस फैसले के तहत अब 50 वर्ष की उम्र में अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच की जाएगी। यदि वे भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाते हैं, तो उन्हें आगे सर्विस एक्सटेन्सन नहीं दिया जाएगा।

राजस्व विभाग के ग्रुप-B के अधिकारियों पर भी यह नियम लागू होगा। ऐसे कर्मचारियों की जांच के बाद अनिवार्य रूप से रिटायरमेंट के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

कैसे होगी अधिकारियों की जांच?

सरकारी नौकरी की सामान्य रिटायरमेंट उम्र 58 वर्ष होती है, लेकिन अब 50 साल की उम्र में ही भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी। इससे पहले सरकार 55 साल की उम्र में अधिकारियों के भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करती थी और यदि सब ठीक होता, तो 58 वर्ष तक नौकरी जारी रखने की पर्मिशन मिलती थी। लेकिन अब यह प्रक्रिया 50 वर्ष में ही शुरू कर दी जाएगी।

सरकार इस जांच के लिए अधिकारियों की एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (ACR) की जांच करेगी। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी पर भ्रष्टाचार का आरोप साबित होता है, तो उसे 50 वर्ष के बाद सरकारी नौकरी करने की पर्मिशन नहीं दी जाएगी।

हरियाणा को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना सरकार का लक्ष्य

हरियाणा सरकार पहले भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठा चुकी है। हाल ही में, हरियाणा सिविल सर्विस (HCS) के अधिकारी रीगन कुमार को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते रिटायर किया गया था। रीगन 2011 बैच के HCS अधिकारी थे और उनके खिलाफ उत्पीड़न और अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे।

सरकार ने यह भी खुलासा किया कि साल 2024 में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने राज्य में रिश्वतखोरी के 155 मामले दर्ज किए हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 205 थी। इसके अलावा, 370 भ्रष्ट पटवारियों की सूची भी जारी की गई थी।

कौन-कौन से अधिकारी आएंगे जांच के दायरे में?

इस नए नियम के तहत हर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जांच के दायरे में आएंगे। विशेष रूप से, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें होंगी, उनकी जांच प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी।

सरकार की योजना के अनुसार:

  • जिन अधिकारियों की ACR रिपोर्ट में अनियमितताएं होंगी, उन्हें पहले रिव्यू किया जाएगा।
  • जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें लंबित हैं, उनकी भी जल्द जांच होगी।
  • भ्रष्टाचार में संशामिल पाए गए अधिकारियों को सर्विस एक्सटेन्सन नहीं मिलेगा और उन्हें समय से पहले रिटायर कर दिया जाएगा।

सरकार की मंशा

हरियाणा सरकार का कहना है कि यह कदम सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी।

हरियाणा में सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता लाने के लिए पहले ही कई सुधार किए जा चुके हैं। भर्ती प्रक्रियाओं में धांधली रोकने के लिए सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग बढ़ाया है। साथ ही, भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया गया है।

भ्रष्ट अधिकारियों पर होगी तुरंत कार्रवाई

हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में अब लंबी कानूनी प्रक्रियाओं का इंतजार नहीं किया जाएगा। जांच पूरी होते ही भ्रष्ट अधिकारियों को रिटायरमेंट का आदेश दे दिया जाएगा।

सरकार का मानना है कि इस नीति से:

  • सरकारी विभागों में ईमानदारी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • आम जनता को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिलेगा।
  • भ्रष्ट अधिकारियों को समय से पहले सेवा से हटाने से सरकारी तंत्र और अधिक असरदार होगा।
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