स्कूलों में मिड डे मील को लेकर सख्त ऑर्डर, अब ये लापरवाही करना पड़ेगा भारी Government School

Ram Shyam
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Government School: पंजाब स्टेट फूड कमीशन ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता को लेकर गंभीरता दिखाई है. हाल ही में विभिन्न जिलों में किए गए निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाई गईं. जिनका संज्ञान लेते हुए कमीशन ने शिक्षा विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों का उद्देश्य मिड-डे मील को अधिक स्वच्छ, पौष्टिक और सुरक्षित बनाना है. ताकि बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़े.

मिड-डे मील योजना में मिलीं ये खामियां

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं थी. कई जगहों पर खाना बनाने वाले स्टाफ की स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था. कुछ स्कूलों में साफ-सफाई की स्थिति भी खराब मिली. इसके अलावा मिड-डे मील के लिए उपयोग किए जा रहे किचन की स्थिति भी चिंताजनक थी. जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर खतरा पैदा हो सकता था.

स्कूलों में लागू होंगे सख्त नियम

फूड कमीशन ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि सभी सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना के तहत भोजन की गुणवत्ता में सुधार लाया जाए. इसके लिए कुछ आवश्यक नियमों को अनिवार्य रूप से लागू करने के आदेश दिए गए हैं. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से स्कूलों का दौरा किया जाएगा.

स्कूलों में इन निर्देशों का करना होगा पालन

फूड कमीशन द्वारा जारी किए गए निर्देशों के तहत अब मिड-डे मील तैयार करने और परोसने के दौरान विशेष सावधानी बरतनी होगी. इन नियमों में शामिल हैं:

  • खाना बनाने वाले कुक को साफ कपड़े पहनने होंगे और सिर को ढकना अनिवार्य होगा.
  • खाना बनाने वाले स्टाफ के नाखून कटे और साफ होने चाहिए.
  • समय-समय पर स्टाफ का मेडिकल चेकअप कराना अनिवार्य होगा.
  • आग जलाने के लिए प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा.
  • स्कूलों में कमीशन के हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट की जानकारी वाले बैनर लगाने के निर्देश दिए गए हैं.

स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी होगी पालन सुनिश्चित करना

सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि मिड-डे मील योजना से जुड़े सभी नियमों का पालन हो. इसके लिए स्कूल प्रशासन को हर महीने निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करनी होगी. जिसे जिला शिक्षा विभाग को भेजना अनिवार्य होगा. यदि किसी स्कूल में नियमों का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

मिड-डे मील में गुणवत्ता सुधार से बच्चों की सेहत को होगा फायदा

स्वच्छ और पौष्टिक भोजन मिलने से बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. पौष्टिक आहार से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और उनकी मानसिक व शारीरिक वृद्धि बेहतर होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूलों में अच्छा भोजन मिलने से बच्चों की पढ़ाई पर भी सकारात्मक असर पड़ता है. जब बच्चे स्वस्थ रहेंगे तो उनकी एकाग्रता और सीखने की क्षमता भी बढ़ेगी.

अभिभावकों की भी अहम भूमिका

फूड कमीशन ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों से स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता पर नजर रखें. यदि कोई समस्या नजर आए तो वे तुरंत स्कूल प्रशासन या फूड कमीशन की हेल्पलाइन पर इसकी जानकारी दें. इससे स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी.

फूड कमीशन की टीम करेगी नियमित निरीक्षण

फूड कमीशन ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों में मिड-डे मील योजना की नियमित जांच की जाएगी. अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि दिए गए निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं. इसके अलावा अगर किसी स्कूल में लापरवाही पाई जाती है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

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