BPL Ration Card: हरियाणा सरकार ने बीपीएल (BPL) राशन कार्ड धारकों की पात्रता जांचने के लिए अब कमर कस ली है. सरकार लगातार यह कोशिश कर रही है कि जो भी लोग गलत तरीके से बीपीएल कार्ड का लाभ ले रहे हैं. उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए. इस प्रक्रिया के तहत अब उन लोगों के राशन कार्ड भी रद्द किए जा रहे हैं, जो इस योजना के सही हकदार नहीं हैं. सरकार का यह फैसला राज्य में पारदर्शिता लाने और सिर्फ वास्तविक जरूरतमंदों तक ही राशन योजना का लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया है.
बिजली बिल से तय होगी पात्रता
हरियाणा सरकार ने तय किया है कि जिन भी परिवारों का सालाना बिजली बिल 20 हजार रुपये से ज्यादा है. उनका बीपीएल राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा. यानी अगर आपके घर का बिजली बिल सालाना 20 हजार रुपये से ऊपर आता है तो आप बीपीएल योजना के अंतर्गत मिलने वाले सस्ते राशन के लाभ से वंचित हो सकते हैं. सरकार का मानना है कि जिनके पास अधिक बिजली खर्च करने की क्षमता है, वे आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी में नहीं आते और इस वजह से उन्हें बीपीएल कार्ड की जरूरत नहीं है.
मैसेज के जरिए मिल रही जानकारी
जानकारी के मुताबिक जिन लोगों का बिजली बिल तय सीमा से ज्यादा आ रहा है, उन्हें मोबाइल पर मैसेज के जरिए भी इसकी सूचना दी जा रही है. हालांकि इस बारे में अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति या अधिसूचना जारी नहीं की गई है. लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारियों ने इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. कई जिलों में लोगों को मैसेज भेजकर यह जानकारी दी जा रही है कि उनके राशन कार्ड की जांच चल रही है और यदि वे पात्र नहीं पाए जाते तो उनका कार्ड रद्द कर दिया जाएगा.
फर्जी राशन कार्ड धारकों पर सरकार का बड़ा कदम
हरियाणा सरकार ने यह कदम उन लोगों पर नकेल कसने के लिए उठाया है जो फर्जी तरीके से बीपीएल राशन कार्ड बनवाकर सस्ते राशन का लाभ उठा रहे थे. सरकार का कहना है कि कई बार देखा गया है कि कुछ ऐसे लोग भी बीपीएल कार्डधारी बने हुए हैं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है. इससे वास्तव में गरीब और जरूरतमंद लोगों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा था. अब सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए सख्त कदम उठा रही है.
राशन कार्ड कटने से परेशान लोगों की प्रतिक्रिया
हरियाणा सरकार के इस फैसले पर जनता की तरफ से मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ लोग सरकार के इस कदम की सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है क्योंकि इससे सच्चे लाभार्थियों को ही लाभ मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि सिर्फ बिजली बिल के आधार पर किसी की आर्थिक स्थिति का अंदाजा लगाना सही नहीं है. क्योंकि कई बार परिवार में अधिक सदस्य होने की वजह से बिजली खर्च ज्यादा हो सकता है.
सरकार का दावा- पारदर्शिता बढ़ाना है उद्देश्य
हरियाणा सरकार का साफ कहना है कि यह कदम केवल पारदर्शिता लाने और सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचाने के लिए उठाया गया है. सरकार चाहती है कि राज्य में कोई भी ऐसा व्यक्ति न हो जो गलत दस्तावेजों या झूठी जानकारी देकर बीपीएल कार्ड के जरिए सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ ले रहा हो. अधिकारियों का कहना है कि आगे चलकर इस तरह की और भी जांचें की जाएंगी ताकि सभी योजनाएं सिर्फ पात्र लोगों तक ही सीमित रहें.
आगे और सख्ती के संकेत
सूत्रों की मानें तो सरकार आने वाले समय में और भी कड़े नियम लागू कर सकती है. बिजली बिल के अलावा सरकार परिवार की कुल आय, संपत्ति और अन्य आर्थिक आधारों पर भी पात्रता जांचने का प्लान बना रही है. इसके अलावा राशन कार्ड से जुड़े सभी दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच की प्रक्रिया को भी तेज किया जा सकता है. ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को समय रहते पकड़ा जा सके.
क्या करें अगर आपको भी मिला है नोटिस?
अगर आपको भी राशन कार्ड से संबंधित ऐसा कोई मैसेज या नोटिस मिला है तो सबसे पहले अपने राशन कार्ड और बिजली बिल का मिलान करें. अगर आप वास्तविक बीपीएल श्रेणी में आते हैं लेकिन आपका बिजली बिल किसी कारण से ज्यादा है, तो आप संबंधित विभाग में जाकर अपना पक्ष रख सकते हैं. सरकार ने पात्र व्यक्तियों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका भी दिया है.