Ganga Expressway: उत्तर प्रदेश में बन रहा गंगा एक्सप्रेस-वे अब उत्तराखंड के हरिद्वार से जुड़ने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद हरिद्वार से प्रयागराज की यात्रा मात्र 8 घंटे में पूरी की जा सकेगी. वर्तमान में इस दूरी को तय करने में 13 घंटे लगते हैं. यह निर्णय धार्मिक पर्यटन और उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा.
860 किलोमीटर की दूरी अब 8 घंटे में पूरी होगी
गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से हरिद्वार और प्रयागराज के बीच यात्रा आसान और तेज हो जाएगी. 860 किलोमीटर लंबी इस यात्रा को अब 8 घंटे में पूरा किया जा सकेगा. पहले इसे तय करने में 13 घंटे लगते थे. इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं को सहूलियत मिलेगी. बल्कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
गंगा एक्सप्रेस-वे: 12 जिलों से होते हुए हरिद्वार तक
गंगा एक्सप्रेस-वे मूल रूप से मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा है और यह 12 जिलों से होकर गुजरता है. अब इसके विस्तार में मुजफ्फरनगर, बिजनौर और हरिद्वार को भी शामिल किया गया है. इससे इन जिलों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्रियों को कम समय में गंतव्य तक पहुंचने का फायदा मिलेगा.
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
हरिद्वार और प्रयागराज दोनों धार्मिक नगरी हैं. हरिद्वार गंगा स्नान और गंगा आरती के लिए प्रसिद्ध है. वहीं प्रयागराज कुंभ मेले और संगम स्नान के लिए जाना जाता है. गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए दोनों शहरों को जोड़ने से धार्मिक पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा. अब श्रद्धालु आसानी से हरिद्वार और प्रयागराज की यात्रा कर सकेंगे.
योगी सरकार की बड़ी योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे बनने के बाद श्रद्धालु सुबह हरिद्वार से निकलकर प्रयागराज में संगम स्नान और बड़े हनुमान जी के दर्शन कर शाम तक वापस आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम दो कुंभ नगरियों को जोड़ने जा रहे हैं. जिससे न केवल धार्मिक पर्यटन बल्कि व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को भी मजबूती मिलेगी.
मुजफ्फरनगर और बिजनौर को भी मिलेगा फायदा
गंगा एक्सप्रेस-वे के विस्तार में मुजफ्फरनगर और बिजनौर को भी शामिल किया गया है. इससे इन जिलों की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में इस विस्तार को लेकर घोषणा की थी और इसके लिए 50 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर किया गया था. इस परियोजना से मुजफ्फरनगर और बिजनौर के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
शुकतीर्थ और विदुर कुटी से जुड़ेगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे को मुजफ्फरनगर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शुकतीर्थ और बिजनौर के ऐतिहासिक विदुर कुटी से जोड़ा जाएगा. शुकतीर्थ महाभारत काल से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थल है. जबकि विदुर कुटी भी ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से खास महत्व रखता है. इन स्थलों को एक्सप्रेस-वे से जोड़ने से यहां की यात्राओं में तेजी आएगी और स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी होगा फायदा
गंगा एक्सप्रेस-वे के विस्तार से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी बड़ी सुविधा मिलेगी. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ के लोग अब आसानी से हरिद्वार और प्रयागराज की यात्रा कर सकेंगे. इससे दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों के लिए धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुंचना अधिक आसान हो जाएगा.
राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मिलेगी मजबूती
गंगा एक्सप्रेस-वे सिर्फ एक सड़क मार्ग नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा. इस एक्सप्रेस-वे के जरिए व्यापार, उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. खासतौर पर ट्रांसपोर्ट, होटल, ढाबा और टूरिज्म इंडस्ट्री को इससे जबरदस्त लाभ होगा.