Female Employees Holidays: हरियाणा में महिला कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बड़ा ऐलान किया है. अब राज्य सरकार में काम करने वाली नियमित महिला कर्मचारियों को सालाना 20 की बजाय 25 छुट्टियां दी जाएंगी. इसके अलावा हरियाणा कौशल रोजगार निगम में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को अब सालाना 22 छुट्टियां मिलेंगी, जो पहले केवल 10 थी.
मुख्यमंत्री का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत प्रयास माना जा रहा है. उन्होंने यह घोषणा पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय महिला सम्मान समारोह में की. जहां वे मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे.
हर महीने मिलेगी एक अतिरिक्त छुट्टी
हरियाणा कौशल रोजगार निगम में काम कर रही महिला कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उन्हें वार्षिक अवकाश के अलावा हर महीने एक अतिरिक्त छुट्टी दी जाएगी. इससे महिलाओं को पारिवारिक जिम्मेदारियों और कार्यस्थल के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलेगी. यह निर्णय महिलाओं के जीवन को आसान बनाने और उनके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में सराहनीय कदम माना जा रहा है.
डेयरी यूनिट के लिए ब्याज मुक्त ऋण
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया. उन्होंने घोषणा की कि अब प्रदेश की महिलाएं डेयरी यूनिट शुरू करने के लिए 1 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त कर सकती हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर खुलेंगे और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार महिलाओं की उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है. ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत बनें और समाज में उनका योगदान और बढ़े.
44 नए आंगनवाड़ी केंद्रों का उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से प्रदेश में 44 नए आंगनवाड़ी केंद्रों का उद्घाटन किया और बाल भवन चरखी दादरी का शिलान्यास भी किया. इससे राज्य में बच्चों और महिलाओं के पोषण और देखभाल से जुड़े बुनियादी ढांचे को और मजबूती मिलेगी. आंगनवाड़ी केंद्र न सिर्फ बच्चों के पोषण में सहायक होते हैं. बल्कि कामकाजी महिलाओं के लिए भी सहारा बनते हैं ताकि वे अपने बच्चों की देखभाल के साथ कार्यस्थल पर भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें.
महिला सुरक्षा और पोषण के लिए नए पोर्टल
मुख्यमंत्री ने महिला सुरक्षा और कल्याण को लेकर कई डिजिटल पहल भी शुरू कीं. उन्होंने घरेलू हिंसा शिकायत पंजीकरण और निगरानी पोर्टल, ‘आपकी बेटी-हमारी बेटी’ एमआईएस पोर्टल, और एसएनपी मांग और आपूर्ति पोर्टल का शुभारंभ किया. इन पोर्टलों के जरिए महिलाओं की शिकायतों का त्वरित समाधान, बेटियों की शिक्षा और पोषण संबंधी योजनाओं की मॉनिटरिंग अब और प्रभावी ढंग से की जा सकेगी.
महिला समूहों को दी जा रही है वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में इस समय 64 हजार 500 महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं. इन समूहों को सरकार द्वारा 5 लाख रुपये तक के ऋण पर स्टाम्प शुल्क से छूट दी गई है. इसका लाभ उठाकर महिलाएं छोटे व्यवसाय और अन्य आर्थिक गतिविधियां शुरू कर सकती हैं. इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. बल्कि समाज में उनकी भूमिका भी और सशक्त होगी.
राशन डिपो का आवंटन महिलाओं को
हरियाणा सरकार अब 33 प्रतिशत राशन डिपो महिलाओं को दे रही है. बीते चार महीनों में ही 252 राशन डिपो महिलाओं को आवंटित किए गए हैं. यह कदम महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने और सामाजिक स्तर पर उनकी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को प्राथमिकता देने से समाज में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा.
देश में पहली बार लागू की विस्तृत क्रेच नीति
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां कामकाजी महिलाओं के छोटे बच्चों की देखभाल के लिए विस्तृत क्रेच नीति लागू की गई है. इसके तहत राज्य में 572 आंगनवाड़ी कम क्रेच और 273 स्टैंडअलोन क्रेच संचालित हो रहे हैं. इसके अलावा 4 हजार प्ले-वे स्कूल भी खोले गए हैं और इस साल इस संख्या को 8 हजार तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है.
इस नीति से महिलाओं को कार्यस्थल पर निश्चिंत होकर काम करने में सहायता मिलेगी. क्योंकि अब उनके बच्चों की देखभाल के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
महिलाओं के लिए नई योजनाओं का प्रभाव
मुख्यमंत्री द्वारा की गई इन घोषणाओं का राज्य की महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इससे महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी बल्कि समाज में उनकी भागीदारी भी बढ़ेगी. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां महिलाएं आज भी सीमित संसाधनों में काम करती हैं. उनके लिए ये योजनाएं नए अवसर लेकर आएंगी.
सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को ध्यान में रखकर जो फैसले लिए जा रहे हैं. वे हरियाणा को महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बना सकते हैं.