Namo Bharat Train: अब तक आप नमो भारत ट्रेन (Namo Bharat Train) में सिर्फ सफर की सुविधा लेते रहे होंगे. लेकिन जल्द ही आपको कमाई और काम करने का भी सुनहरा मौका मिलने वाला है. एनसीआरटीसी (NCRTC) ने घोषणा की है कि वह गाजियाबाद स्टेशन परिसर में आधुनिक सुविधाओं से लैस को-वर्किंग स्पेस शुरू करने जा रहा है. इस नई पहल से न सिर्फ यात्रियों को सहूलियत मिलेगी. बल्कि छोटे व्यवसायियों और उद्यमियों को भी लाभ होगा.
क्यों चुना गया गाजियाबाद स्टेशन?
एनसीआरटीसी के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर पुनीत वत्स के अनुसार, गाजियाबाद स्टेशन का चयन रणनीतिक दृष्टि से किया गया है. यह स्टेशन मेरठ तिराहा मोड़ और दिल्ली मेट्रो के शहीद स्थल नया बस अड्डा स्टेशन के नजदीक है. जहां यात्रियों की भारी आवाजाही रहती है. इस वजह से यहां को-वर्किंग स्पेस की मांग और उपयोगिता दोनों काफी अधिक है. यह स्थान दिल्ली-एनसीआर के केंद्र में होने के कारण छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स के लिए आदर्श है.
को-वर्किंग स्पेस की सुविधाएं क्या होंगी?
गाजियाबाद स्टेशन पर बनने वाले इस को-वर्किंग स्पेस में आधुनिक सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है. इसमें 42 खुले कार्यस्थल (वर्कस्टेशन), 11 निजी केबिन और दो मीटिंग रूम होंगे. एक समय में लगभग 42 लोग और 11 कंपनियां यहां काम कर सकेंगी. इस स्पेस में इंटरनेट, प्लग-एंड-प्ले वर्कस्टेशन, वेंडिंग मशीन, डिजिटल भुगतान के लिए QR-कोड स्कैनिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी.
स्मार्ट एंट्री और हाईटेक सुविधाएं
इस को-वर्किंग स्पेस में स्मार्ट एक्सेस के लिए बायोमेट्रिक एंट्री और डिजिटल की-कार्ड का उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए विशेष व्यवस्था होगी. कार्यस्थल पर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे यूजर्स को बेहतर अनुभव मिलेगा.
किसे मिलेगा लाभ?
यह स्पेस विशेष रूप से गाजियाबाद और आस-पास के छोटे व्यापारियों, फ्रीलांसर्स, स्टार्टअप्स और उद्यमियों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. दिल्ली-एनसीआर में व्यावसायिक गतिविधियों का विस्तार तेजी से हो रहा है और ऐसे में स्टेशन परिसर में कार्य करने का स्थान होना समय और संसाधनों की बचत का बेहतरीन जरिया बनेगा.
देशभर में बढ़ रही को-वर्किंग स्पेस की मांग
एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में देश के प्रमुख शहरों में को-वर्किंग ऑपरेटरों ने कुल 2.24 लाख सीटें किराए पर ली थीं. इनमें से 38,000 सीटें अकेले दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ली गईं. नेहरू प्लेस, कनॉट प्लेस, नोएडा और गुरुग्राम जैसे स्थान पहले ही को-वर्किंग स्पेस के लिए हब बन चुके हैं. अब गाजियाबाद स्टेशन इस सूची में शामिल होने जा रहा है.
किराये पर उपलब्ध होगा स्पेस
एनसीआरटीसी के मुताबिक, यह को-वर्किंग स्पेस किराये के आधार पर उपलब्ध होगा. कोई भी क्षेत्र या कंपनी, चाहे वह आईटी सेक्टर से हो या व्यापार से इस स्पेस का उपयोग कर सकती है. किराया भुगतान भी आसान तरीके से डिजिटल माध्यम से किया जा सकेगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी और सुविधा में कोई रुकावट नहीं आएगी.
एनसीआरटीसी का वाणिज्यिक विकास की ओर बढ़ता कदम
एनसीआरटीसी अब न केवल यात्री सुविधाओं पर ध्यान दे रहा है. बल्कि स्टेशनों के वाणिज्यिक उपयोग को भी बढ़ावा देने में जुटा है. इससे एक ओर यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी तो दूसरी ओर राजस्व का भी नया स्रोत खुलेगा. गाजियाबाद स्टेशन पर शुरू हो रहा यह को-वर्किंग स्पेस इसी दिशा में एक अहम पहल है.