गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर सामने आई बड़ी अपडेट, मिलेगी बुलेट ट्रेन जैसी सुरक्षा बनेंगे अंडरपास-ओवरपास Ganga Expressway

Ganga Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शामिल इस हाईवे के पूरा होने से उत्तर प्रदेश में यातायात की सुविधा और तेज़ हो जाएगी.

एक्सप्रेसवे को सेफ बनाने की तैयारी

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) गंगा एक्सप्रेसवे को पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित बनाने की पूरी तैयारी कर रहा है. खासकर जंगली जानवरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए जा रहे हैं. ताकि सड़क हादसों को रोका जा सके और वन्यजीवों को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचे.

एक्सप्रेसवे के दोनों ओर होगी बाउंड्री वॉल

सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और हाईवे पर अवैध प्रवेश को रोकने के लिए डेढ़ मीटर ऊंची बाउंड्री वॉल बनाने का निर्णय लिया गया है. यह दीवार एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ होगी. जिससे असुरक्षित क्रॉसिंग पर रोक लगेगी और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

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पर्यावरण सुरक्षा के लिए ग्रीन बेल्ट

गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे तीन प्रमुख पक्षी अभयारण्यों के आसपास ग्रीन बेल्ट तैयार की जा रही है. इनमें सांडी बर्ड सैंक्चुरी (हरदोई), नवाबगंज चंद्रशेखर आजाद बर्ड सैंक्चुरी (उन्नाव) और समसपुर बर्ड सैंक्चुरी (रायबरेली) शामिल हैं. पौधारोपण के जरिए हरियाली बढ़ाई जाएगी. जिससे पशु-पक्षियों को शोर और रोशनी से परेशानी न हो.

अंडरपास और ओवरपास की संख्या बढ़ाई गई

जंगली जानवरों और ग्रामीण क्षेत्रों से गुजरने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अंडरपास और ओवरपास की संख्या में वृद्धि की गई है. पहले 379 अंडरपास बनाए जाने थे. लेकिन अब इनकी संख्या 453 कर दी गई है. वहीं 179 ओवरपास की जगह अब 218 ओवरपास बनाए जाएंगे.

गंगा एक्सप्रेसवे पर पैदल चलना रहेगा प्रतिबंधित

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गंगा एक्सप्रेसवे पर पैदल चलना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. इसके अलावा नदियों में प्रदूषण रोकने के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 500 मीटर पर ऑयल और ग्रीस ट्रैप लगाए जाएंगे. जिससे जल स्रोतों को किसी भी तरह के तेल और ग्रीस के प्रदूषण से बचाया जा सके.

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एक्सप्रेसवे पर 100 KM प्रति घंटा की अधिकतम स्पीड लिमिट

रिपोर्ट्स के अनुसार गंगा एक्सप्रेसवे को 120 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति क्षमता के हिसाब से बनाया जा रहा है. हालांकि सुरक्षा कारणों से इस पर वाहन अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ही चल सकेंगे. इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए पूरे मार्ग पर स्पीड मॉनिटरिंग सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.

कब तक पूरा होगा गंगा एक्सप्रेसवे?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य इसी साल नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. अब तक 430 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि बाकी का कार्य तेजी से पूरा करने की योजना बनाई गई है. यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो इस साल के अंत तक यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से चालू हो सकता है.

गंगा एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले जिले

गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी और यह 518 गांवों से होकर गुजरेगा. यह मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक पहुंचेगा.

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दूसरे चरण में जुड़ेगे ये जिले

गंगा एक्सप्रेसवे का दूसरा चरण 350 किलोमीटर लंबा होगा. इस चरण में मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया को जोड़ा जाएगा. इसके बाद यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा और महत्वपूर्ण हाईवे नेटवर्क बन जाएगा.

गंगा एक्सप्रेसवे से होंगे ये फायदे

  • सुरक्षित और हाई-टेक एक्सप्रेसवे: अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी.
  • तेज और सुगम यात्रा: इस हाईवे के बन जाने से मेरठ से प्रयागराज की दूरी 7 घंटे में पूरी की जा सकेगी.
  • औद्योगिक विकास को बढ़ावा: एक्सप्रेसवे के आसपास नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
  • पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: वाराणसी, प्रयागराज और अन्य धार्मिक स्थलों तक पहुंचना आसान हो जाएगा.
  • आर्थिक विकास: हाईवे बनने से कृषि, व्यापार और परिवहन क्षेत्रों में आर्थिक वृद्धि होगी.