ट्रेन में कितने साल के बच्चे का नही लगता टिकट, क्या बर्थ सर्टिफिकेट देना होता है जरुरी TRAIN TICKET RULES FOR KIDS

Ram Shyam
7 Min Read

TRAIN TICKET RULES FOR KIDS: भारत में लाखों लोग हर साल ट्रेन से सफर करते हैं और अक्सर अपने साथ बच्चों को भी यात्रा में लेकर जाते हैं. लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि रेलवे बच्चों के टिकट को लेकर क्या नियम बनाता है. कई बार इस जानकारी के अभाव में यात्री बच्चों का टिकट नहीं लेते और यात्रा के दौरान उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ता है. रेलवे ने बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों के लिए अलग-अलग नियम तय किए हैं. आप हम आपको बताएंगे कि रेलवे में बच्चों के टिकट से जुड़े नियम क्या हैं और किस उम्र में टिकट लेना अनिवार्य है.

1 से 4 साल तक के बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं

रेलवे के नियम के अनुसार अगर आपके बच्चे की उम्र 1 साल से लेकर 4 साल तक है तो इस उम्र के बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं लेना होता. यानी 1 से 4 साल के बच्चे बिना टिकट के परिवार के साथ ट्रेन में किसी भी क्लास या कोच में यात्रा कर सकते हैं.

हालांकि ध्यान रहे कि इस उम्र के बच्चों को अलग से कोई सीट या बर्थ नहीं दी जाती. ऐसे में बच्चे को माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्य के साथ ही सीट साझा करनी होगी. इसलिए छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाले माता-पिता को यह सुविधा काफी राहत देती है.

5 से 12 साल के बच्चों के लिए हाफ टिकट जरूरी

रेलवे ने 5 से 12 साल तक के बच्चों के लिए टिकट लेना अनिवार्य कर दिया है. हालांकि इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए रेलवे आधे किराए (हाफ टिकट) में सफर की सुविधा देता है. पहले इस हाफ टिकट पर बच्चों को एक अलग बर्थ भी दी जाती थी, लेकिन अब रेलवे ने इस नियम में बदलाव किया है.

अब अगर आप बच्चे के लिए केवल हाफ टिकट लेते हैं तो उसे ट्रेन में सफर करने की अनुमति तो होगी. लेकिन उसे अलग से सीट या बर्थ नहीं दी जाएगी. यानी बच्चा माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्य के साथ ही सीट साझा करेगा. अगर आप बच्चे के लिए सीट या बर्थ लेना चाहते हैं तो आपको उसके लिए पूरा किराया यानी फुल टिकट लेना होगा.

अगर सीट चाहिए तो चुकाना होगा फुल किराया

रेलवे के नए नियम के मुताबिक 5 से 12 साल तक के बच्चों के लिए टिकट बुकिंग करते समय आपको दो विकल्प मिलते हैं.

  • हाफ टिकट: अगर आप हाफ टिकट लेते हैं तो किराया आधा लगेगा लेकिन बच्चे को सीट या बर्थ नहीं मिलेगी.
  • फुल टिकट: अगर आप बच्चे के लिए पूरी सीट या बर्थ चाहते हैं तो आपको उसके लिए फुल टिकट का किराया देना होगा.

यह नियम खासकर लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अहम है. क्योंकि लंबी यात्रा में बच्चों के लिए अलग से सीट होना माता-पिता के लिए ज्यादा आरामदायक होता है.

13 साल या उससे ऊपर के बच्चों के लिए फुल टिकट अनिवार्य

रेलवे के नियमों के अनुसार, अगर बच्चे की उम्र 13 साल या उससे अधिक है तो उसके लिए फुल टिकट लेना अनिवार्य है. इस उम्र के यात्रियों को किसी भी तरह की छूट नहीं मिलती.

बच्चे की उम्र अगर 13 साल से कम है और आपने उसके लिए हाफ टिकट लिया है, तो सफर के दौरान रेलवे अधिकारी आपके बच्चे की उम्र का प्रमाण (जैसे बर्थ सर्टिफिकेट या स्कूल आईडी) मांग सकते हैं. हालांकि टिकट बुकिंग करते समय आपको कोई दस्तावेज जमा नहीं करना होता.

बच्चों के टिकट से जुड़े अन्य जरूरी नियम

  • टिकट बुकिंग करते समय अगर आप हाफ टिकट चुनते हैं तो रेलवे सिस्टम में यह दर्ज हो जाता है कि उस बच्चे के लिए सीट अलॉट नहीं की गई है.
  • अगर आप चाहें तो बुकिंग के समय ही बच्चे के लिए फुल टिकट चुनकर उसे सीट या बर्थ दिलवा सकते हैं.
  • Tatkal और Premium Tatkal बुकिंग में भी यही नियम लागू होते हैं.
  • अगर यात्रा के दौरान टिकट निरीक्षक (TTE) को लगे कि बच्चे की उम्र बताई गई उम्र से अधिक है, तो वह प्रमाण पत्र दिखाने के लिए कह सकता है.

क्यों जरूरी है बच्चों के टिकट नियमों की जानकारी

अक्सर परिवार में यात्रा करते समय लोग बच्चों के टिकट को हल्के में ले लेते हैं. कई बार वे यह मानकर चलते हैं कि छोटे बच्चों का टिकट नहीं लगता या हाफ टिकट लेने पर सीट मिल जाएगी. लेकिन नई व्यवस्था में नियम बदल चुके हैं. जानकारी न होने पर यात्रा के दौरान परेशानी हो सकती है और जुर्माना भी लग सकता है.

इसलिए अगर आप बच्चों के साथ ट्रेन यात्रा की योजना बना रहे हैं तो इन नियमों को अच्छी तरह से समझना जरूरी है. इससे आप यात्रा के दौरान होने वाली असुविधा से बच सकेंगे और एक सुखद सफर का आनंद ले सकेंगे.

बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए भी हैं अलग नियम

बच्चों की तरह रेलवे ने बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों के लिए भी अलग-अलग छूट और नियम बनाए हैं. वरिष्ठ नागरिकों को कुछ श्रेणियों में किराए में छूट दी जाती है और दिव्यांग यात्रियों के लिए भी विशेष सुविधाएं और रियायतें हैं. इसके अलावा महिलाओं को भी कुछ खास रूट्स पर किराए में छूट दी जाती है.

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