हरियाणा में इन जगहों पर मत खरीद लेना प्लॉट, इन 86 कॉलोनियों को किया अवैध Haryana News

Ravi Kishan
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Haryana News: जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अवैध कॉलोनियों में खरीद-फरोख्त से बचें। प्रशासन द्वारा 86 अवैध कॉलोनियों की पहचान की गई है, जहां किसी भी प्रकार का निवेश करना आर्थिक और कानूनी रूप से नुकसानदायक साबित हो सकता है।

अवैध कॉलोनियों में हो रही प्रशासनिक कार्रवाई

नगर योजनाकार कार्यालय ने साफ किया है कि चिन्हित अवैध कॉलोनियों पर नियमानुसार एफआईआर दर्ज करने, तोड़फोड़ की कार्रवाई और अन्य दंडात्मक कदम उठाने की प्रक्रिया जारी है। यह सभी कॉलोनियां नियमितीकरण नीति के अंतर्गत नहीं आती हैं, इसलिए इनके वैध होने की कोई संभावना नहीं है। भविष्य में भी इनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही जारी रहेगी।

निवेशकों को आर्थिक नुकसान का खतरा

नगर योजनाकार सुमनदीप ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी जीवनभर की जमा पूंजी ऐसे अवैध निर्माणों में न लगाएं। इन कॉलोनियों में निवेश करने से बाद में कानूनी उलझनों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि अवैध निर्माणकर्ताओं पर समय-समय पर तोड़फोड़ और कानूनी कार्रवाई होती रहती है।

खरीदने से पहले करें जाँच-पड़ताल

किसी भी प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त करने से पहले नागरिकों को नगर योजनाकार कार्यालय, तहसील कार्यालय या लघु सचिवालय में जाकर जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। प्रशासन ने अवैध कॉलोनियों की सूची को इन सभी कार्यालयों में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया है, ताकि नागरिक ठगी का शिकार न हों।

भूमाफिया और डीलरों के झूठे वादों से सावधान

प्रशासन ने नागरिकों को आगाह किया है कि वे भूमाफिया और डीलरों के झूठे वादों में न आएं। कई बार भूमाफिया निवेशकों को सस्ते दामों पर जमीन बेचकर उन्हें ठगते हैं। ऐसे में नागरिकों को अपनी सावधानी बरतनी होगी और किसी भी लेन-देन से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी होगी।

अवैध कॉलोनियों में निर्माण करने वालों पर होगी कार्रवाई

जिन लोगों ने अवैध कॉलोनियों में निर्माण किया है या भविष्य में करने की योजना बना रहे हैं, वे खुद जिम्मेदार होंगे। प्रशासन द्वारा नियमित रूप से इन कॉलोनियों पर कार्रवाई की जाएगी, जिससे प्रॉपर्टी का नुकसान हो सकता है।

वैध निवेश करने के लिए अपनाएं ये उपाय

  1. नगर योजनाकार कार्यालय से जानकारी प्राप्त करें: किसी भी प्रॉपर्टी की वैधता जांचने के लिए नगर नियोजन कार्यालय से संपर्क करें।
  2. तहसील और सचिवालय में वेरफाइ करें: संबंधित क्षेत्र के तहसील कार्यालय और सचिवालय में जाकर पुष्टि करें कि प्रॉपर्टी अवैध कॉलोनी में नहीं आती।
  3. रजिस्ट्री और अन्य दस्तावेज देखें: प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री, नक्शा स्वीकृति और अन्य कानूनी दस्तावेजों की जांच करें।
  4. सरकारी योजनाओं की जानकारी लें: कई बार लोग सरकारी योजनाओं से अनजान रहते हैं और अवैध प्रॉपर्टी में निवेश कर देते हैं। इसलिए पहले सही जानकारी प्राप्त करें।

प्रशासन द्वारा जारी सूची पर ध्यान दें

अवैध कॉलोनियों की सूची तहसील कार्यालय, नगर योजनाकार कार्यालय और लघु सचिवालय में सार्वजनिक रूप से चिपकाई गई है। नागरिकों को चाहिए कि वे इस सूची को देखें और यह सुनिश्चित करें कि वे किसी भी प्रकार की अवैध प्रॉपर्टी में निवेश न करें।

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