पैतृक संपत्ति बंटवारे को लेकर बड़ी खुशखबरी, सरकार ने जमीन मालिकों की कर दी मौज Ancestral Property Rules

Ravi Kishan
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Ancestral Property Rules: बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से सभी निबंधन कार्यालयों में निबंधन प्रक्रिया को पूरी तरह पेपरलेस करने का फैसला लिया है। इस नई व्यवस्था के तहत पक्षकारों को किसी भी दस्तावेज को भौतिक रूप से तैयार करने की जरूरत नहीं होगी। यह कदम ‘गो ग्रीन’ पहल को बढ़ावा देगा और प्रशासनिक कार्यों को अधिक पारदर्शी एवं तेज बनाएगा।

देश-विदेश से कर सकेंगे आवेदन

बिहार सरकार की इस योजना के तहत देश के किसी भी कोने या विदेश में रह रहे लोग भी ऑनलाइन निबंधन की सुविधा का फायदा उठा सकेंगे। इससे लोगों को निबंधन कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी। साथ ही, सरकार ने ऑनलाइन निबंधन को प्रोत्साहित करने के लिए स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत और अधिकतम 2000 रुपये तक की छूट देने का भी ऐलान किया है।

पारिवारिक प्रॉपर्टी बंटवारे पर मामूली शुल्क

बिहार सरकार ने पारिवारिक प्रॉपर्टी के बंटवारे से जुड़े दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी और निबंधन शुल्क को बेहद कम कर दिया है। अब पैतृक या पारिवारिक प्रॉपर्टी के बंटवारे के लिए मात्र 50 रुपये स्टाम्प ड्यूटी और 50 रुपये निबंधन शुल्क देना होगा। इससे लोगों को अनावश्यक खर्च से राहत मिलेगी और प्रॉपर्टी बंटवारे की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सकेगा।

उद्योगों के लिए विशेष छूट

बिहार सरकार ने राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब बियाडा (बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी) से आवंटित भूमि पर उद्योग लगाने के लिए स्टाम्प ड्यूटी और निबंधन शुल्क पर पूरी तरह छूट दी जाएगी। यह निर्णय राज्य में निवेश को आकर्षित करेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग का बजट बढ़ा

18 करोड़ की वृद्धि, विभाग का कुल बजट हुआ 692.60 करोड़

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग को 18 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में इस विभाग का कुल बजट 674.55 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 692.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि, योजना मद में कुछ कटौती की गई है। पिछले साल जहां योजना मद में 10 करोड़ रुपये आवंटित थे, इस साल इसे घटाकर 7 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

अवैध शराब के खिलाफ सख्ती

बिहार सरकार ने अवैध शराब के संचालन को रोकने के लिए 84 चेकपोस्ट बनाए हैं, जिन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस पहल से अवैध शराब के व्यापार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। सरकार की इस योजना का उद्देश्य बिहार को पूर्ण रूप से शराब मुक्त बनाना है।

पटना मैराथन में दिखेगा ‘नशामुक्त बिहार’ का संदेश

बिहार सरकार ने नशामुक्त बिहार अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए पटना में एक अंतरराष्ट्रीय मैराथन का आयोजन किया है। इस मैराथन में विदेशी प्रतिभागी भी हिस्सा लेंगे, जिससे राज्य का संदेश इंटरनेशनल लेवल पर पहुंचेगा।

पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड’ बनेगा

कार्बन न्यूट्रल बनाने की पहल

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बिहार बजट में पर्यावरण संरक्षण को विशेष प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार ने कार्बन न्यूट्रलिटी को ध्यान में रखते हुए ‘बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड’ बनाने का फैसला लिया है। इस फंड में प्रारंभिक तौर पर 25 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह फंड जलवायु परिवर्तन से निपटने और हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

कृषि और स्वच्छ ऊर्जा को मिलेगा बढ़ावा

इस फंड का उद्देश्य कृषि को जलवायु के अनुकूल बनाना, स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ना और युवाओं के लिए हरित रोजगार के अवसर पैदा करना है। सरकार का कहना है कि यह पहल ‘हरित बिहार, समृद्ध बिहार’ की परिकल्पना को साकार करेगी और राज्य को अग्रणी राज्यों में स्थापित करेगी।

100 करोड़ की लागत से बिहार क्लीन एयर ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट

राज्य सरकार ने वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से ‘बिहार क्लीन एयर ट्रांसफॉर्मेशन परियोजना’ शुरू करने का फैसला लिया है। यह परियोजना राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में एयर कवालिटी में सुधार लाने में मदद करेगी।

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जैव विविधता प्रबंधन समितियां

बिहार सरकार के ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के तहत पूरे राज्य में 8,053 पंचायती राज निकायों और 73 शहरी निकायों में जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाएगी और लोगों को प्रकृति के प्रति जिम्मेदार बनाया जाएगा।

कैमूर वन्यजीव अभयारण्य को मिलेगा टाइगर रिजर्व का दर्जा

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मंजूरी

बिहार सरकार ने राज्य में वन्यजीव संरक्षण को मजबूत करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। कैमूर वन्यजीव अभयारण्य को ‘टाइगर रिजर्व’ घोषित करने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।

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