इस रूट पर चलेगी भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, बिना बिजली और डीजल के पकड़ेगी 110KM की रफ्तार Hydrogen Train

Ram Shyam
5 Min Read

Hydrogen Train: भारतीय रेलवे नई तकनीक की ओर बढ़ते हुए अब हाइड्रोजन ट्रेन को पटरियों पर दौड़ाने की तैयारी कर चुका है. भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर चलाई जाएगी. यह ट्रेन पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल होगी और डीजल व बिजली से चलने वाली ट्रेनों का बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है. इसकी अधिकतम स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.

हाइड्रोजन ट्रेन भारतीय रेलवे की नई पहल

भारतीय रेलवे लगातार तकनीकी विकास की दिशा में काम कर रहा है. इसी के तहत देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन जल्द ही जींद-सोनीपत मार्ग पर चलने वाली है. यह ट्रेन पूरी तरह स्वदेशी होगी और इसे अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (RDSO) ने विकसित किया है.

रेल मंत्री के अनुसार रेलवे ने प्रायोगिक तौर पर हाइड्रोजन फ्यूल सेल को डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) रेक पर रेट्रोफिट करके यह अत्याधुनिक परियोजना शुरू की है. इस ट्रेन के शुरू होने से भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा जहां हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें मौजूद हैं.

क्या है हाइड्रोजन ट्रेन की खासियत?

इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह हाइड्रोजन फ्यूल पर चलेगी. जिससे प्रदूषण बिल्कुल नहीं होगा. इस ट्रेन का उत्सर्जन सिर्फ पानी और भाप के रूप में होगा. जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल साबित होगी.

इसके अलावा इस ट्रेन में हाइड्रोजन को स्टोर करने और उसे ऊर्जा में बदलने के लिए चार बैटरियों का इस्तेमाल किया गया है. यह पूरी दुनिया में सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेनों में से एक होगी.

हाइड्रोजन ट्रेन के लिए विकसित किया गया विशेष प्लांट

जींद जंक्शन पर इस ट्रेन के संचालन के लिए एक विशेष हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण और वितरण सुविधा विकसित की जा रही है. पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) से इस परियोजना की सुरक्षा अनुमोदन प्रक्रिया भी चल रही है.

भारत की हाइड्रोजन ट्रेन की तकनीक

हाइड्रोजन ट्रेन की आंतरिक तकनीक की बात करें तो इसमें हाइड्रोजन सिलेंडर के साथ बैटरियां और फ्यूल सेल लगे होंगे. ट्रेन के कंट्रोल पैनल के पीछे 210 किलोवाट की बैटरी होगी. जिसके बाद फ्यूल सेल और हाइड्रोजन सिलेंडर कास्केड-1, 2, 3 लगाए जाएंगे. इसके अलावा ट्रेन में एक और 120 किलोवाट की बैटरी भी होगी.

कहां चलेगी यह ट्रेन और कब होगी शुरू?

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर किया जाएगा. पहले इसे 2024 के दिसंबर में शुरू किया जाना था. लेकिन यह योजना कुछ कारणों से टल गई. अब उम्मीद की जा रही है कि 2025 के मध्य तक इसे यात्रियों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा.

कितनी होगी हाइड्रोजन ट्रेन की रफ्तार और क्षमता?

  • ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 110 किमी प्रति घंटे होगी.
  • इसमें 8 कोच होंगे.
  • एक बार में 2638 यात्री सफर कर सकेंगे.
  • ट्रेन 360 किलो हाइड्रोजन से 180 किमी तक की दूरी तय कर सकेगी.

दुनिया में कहां-कहां चलती हैं हाइड्रोजन ट्रेनें?

भारत से पहले दुनिया के कुछ ही देशों ने हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली ट्रेनों का निर्माण किया है. इनमें चीन, स्विट्ज़रलैंड और जर्मनी प्रमुख हैं. हालांकि इन देशों में अभी तक यह तकनीक पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है.

जर्मनी में केवल दो कोच वाली हाइड्रोजन ट्रेन चल रही है. लेकिन भारत इसे बड़े पैमाने पर अपनाने की तैयारी कर रहा है. भारत की हाइड्रोजन ट्रेन 1200 हॉर्स पावर क्षमता की होगी, जो इसे अन्य देशों की ट्रेनों से ज्यादा शक्तिशाली बनाएगी.

कैसे काम करेगी हाइड्रोजन ट्रेन?

हाइड्रोजन ट्रेन में डीजल की जगह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का इस्तेमाल होगा. यह ट्रेन जब चलेगी तो उससे सिर्फ भाप और पानी का उत्सर्जन होगा. जिससे यह पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल होगी.

क्या होगा ईंधन का खर्च?

  • 1 किलो हाइड्रोजन 4.5 लीटर डीजल के बराबर ऊर्जा देगा.
  • ट्रेन को 360 किलो हाइड्रोजन से 180 किलोमीटर चलाया जा सकता है.

‘नमो ग्रीन रेल’ नाम से होगी हाइड्रोजन ट्रेन

फिलहाल, इस हाइड्रोजन ट्रेन को ‘नमो ग्रीन रेल’ नाम दिया गया है. यह नाम अभी औपचारिक है और इसे बाद में बदला भी जा सकता है. इस ट्रेन को 2025 में आधिकारिक रूप से लॉन्च करने की योजना है.

Share This Article