सरकारी जमीन पर कब्जा करके बैठे लोगों के सूचना, ऐसे मिलेगा जमीन का मालिकाना हक Government Land

Ravi Kishan
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Government Land: आमतौर पर देखा जाता है कि गांवों में रहने वाले लोग वर्षों से पंचायती जमीन पर कब्जा कर घर बनाकर रहते हैं। समय बीतने के साथ यह जमीन उनकी प्रॉपर्टी मानी जाने लगती है, लेकिन कानूनी रूप से वे उसके मालिक नहीं होते। अब सरकार ने इन कब्जाधारियों के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान किया है। सरकार पंचायती जमीन पर रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने जा रही है। इससे वे कानूनी रूप से उस जमीन के मालिक बन सकेंगे और उसे बेच भी सकेंगे।

सरकारी जमीन पर कब्जा? अब मिलेगा मालिकाना हक

हाल ही में सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिससे देशभर के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा। सरकार ने पंचायती जमीन पर कब्जा करके रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने का फैसला किया है। इस फैसले से न केवल लोगों को कानूनी मान्यता मिलेगी बल्कि वे अपनी प्रॉपर्टी को कानूनी रूप से बेच और ट्रांसफर भी कर सकेंगे।

किन लोगों को मिलेगा यह लाभ?

सरकार के इस फैसले के अनुसार, वे लोग जो 20 वर्षों से अधिक समय से पंचायती जमीन पर घर बनाकर रह रहे हैं, उन्हें मालिकाना हक मिलेगा। इसके लिए उन्हें निर्धारित कलेक्टर रेट पर राशि का भुगतान करना होगा। सरकार ने इस योजना को हरियाणा विलेज बड़ा लैंड नियति करण एक्ट 1961 में बदलाव के तहत मंजूरी दी है।

हरियाणा सरकार ने लिया बड़ा फैसला

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायक सिंह सैलानी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। संशोधन के बाद, 500 वर्ग गज तक की जमीन पर बने मकानों के मालिकों को प्रॉपर्टी का मालिकाना हक दिया जाएगा। इससे लोगों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और वे अपनी प्रॉपर्टी को बाजार दर पर बेच सकेंगे।

किस राज्य में सबसे ज्यादा जमीन पर कब्जा?

राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा कब्जा यमुना और मारकंडा नदियों के किनारे बसे गांवों में है। वहां के लोग प्राकृतिक आपदाओं, बाढ़ आदि के कारण पंचायती जमीन पर घर बना कर रह रहे हैं। अब इस योजना से उन हजारों परिवारों को सीधा फायदा मिलेगा।

मालिकाना हक के लिए कितना देना होगा पैसा?

इस योजना के तहत 2004 के कलेक्टर रेट के अनुसार जमीन की कीमत निर्धारित की जाएगी। पहले इस तरह के मामलों में अंतिम निर्णय राज्य सरकार के पास होता था, लेकिन अब यह अधिकार लोकल पंचायतों को सौंप दिया गया है। इससे प्रक्रिया तेज होगी और लोगों को तेजी से मालिकाना हक मिल सकेगा।

सरकार ने दी 1 साल की समय सीमा

मुख्यमंत्री नायक सिंह सैलानी सरकार ने बताया कि कब्जाधारियों को 1 साल का समय दिया गया है, जिसके भीतर उन्हें मालिकाना हक प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके लिए उन्हें तय राशि का भुगतान करना होगा और प्रॉपर्टी को अपने नाम पर करवाना होगा।

पंचायत विभाग को अधिक अधिकार

पहले ऐसे मामलों पर फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाता था, लेकिन अब सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए निदेशक पंचायत विभाग को अधिकृत कर दिया है। इससे प्रक्रिया में तेजी आएगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिलेगा।

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