किसानों को सस्ती कीमत पर बिजली देने की तैयारी, तैयार हुआ खास प्लान Free Farmers Electricity

Ravi Kishan
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Free Farmers Electricity: बिहार सरकार ने किसानों के लिए बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब खेतों की सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा (Solar Energy) से बिजली मुहैया कराई जाएगी। यह योजना किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है क्योंकि इससे उन्हें सस्ती और टिकाऊ बिजली मिलेगी। सरकार की यह पहल किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए की गई है।

सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को सस्ती बिजली देना

बिहार सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के किसानों को सस्ती और निरंतर बिजली देना है। अब तक खेती में उपयोग की जाने वाली बिजली की लागत अधिक थी, जिससे किसानों को एक्स्ट्रा बोझ उठाना पड़ता था। सरकार की इस नई योजना से किसानों को यह राहत मिलेगी कि वे कम खर्च में खेतों की सिंचाई कर सकेंगे। इसके साथ ही, यह योजना पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है क्योंकि यह कोयला आधारित बिजली की जगह नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करती है।

सोलर एनर्जी से किसानों को मिलेगा स्थायी समाधान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) की जरूरत को हाइलाइट कर चुके हैं। कोयले का भंडार धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, जिससे कोयला आधारित बिजली महंगी होती जा रही है। इसके विपरीत, सौर ऊर्जा कभी खत्म नहीं होने वाली है और इससे मिलने वाली बिजली टिकाऊ तथा किफायती होगी। इसलिए सरकार ने किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए सौर ऊर्जा को प्राथमिकता दी है।

योजना के तीसरे चरण में 1200 मेगावाट बिजली कृषि फीडरों को दी जाएगी

बिहार सरकार की इस योजना के तीसरे चरण में 1200 मेगावाट बिजली कृषि फीडरों को दी जाएगी। सरकार ने इस परियोजना के तहत बड़े पैमाने पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे कृषि कार्यों के लिए बिजली की मांग को पूरा किया जा सके। यह कदम किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, क्योंकि इससे उन्हें निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलेगी और उनकी सिंचाई संबंधी समस्याएं दूर होंगी।

मुख्यमंत्री कृषि पंप विद्युत कनेक्शन योजना से किसानों को राहत

बिहार सरकार ने किसानों को सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कृषि पंप विद्युत कनेक्शन योजना चलाई है। इस योजना के तहत अब तक 5.5 लाख किसानों को कृषि फीडरों से बिजली उपलब्ध कराई जा चुकी है। सरकार का लक्ष्य है कि इस साल के अंत तक बाकी किसानों को भी इस योजना का लाभ मिले।

राज्य में पहले चरण में 1235 कृषि फीडर स्थापित किए गए

किसानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पहले चरण में 1235 कृषि फीडर स्थापित किए गए थे। इन फीडरों की मदद से किसानों को डेडिकेटेड बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है, जिससे उनके सिंचाई कार्यों में बाधा न आए। इसके अलावा, 800 मेगावाट की क्षमता वाले निर्माणकर्ता के चयन के लिए निविदा आमंत्रित की गई है।

दूसरे चरण में 1600 मेगावाट सौर ऊर्जा से 3681 कृषि फीडरों को मिलेगी बिजली

योजना के दूसरे चरण में 1600 मेगावाट की सौर ऊर्जा प्लांट से 3681 कृषि फीडरों को बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए 1121 पावर सबस्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार बिजली मिल सके। सरकार की यह योजना किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी क्योंकि इससे बिजली की लागत कम होगी और उनके कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।

डीजल की तुलना में बिजली की लागत दस गुना कम

बिहार सरकार किसानों को बिजली बिल पर 92 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। डीजल की तुलना में बिजली की लागत दस गुना कम है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक लाभ मिलेगा। इसके अलावा, सरकार सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली कनेक्शन भी उपलब्ध करा रही है। यह कदम किसानों के लिए अत्यधिक सहायक होगा क्योंकि इससे उनके उत्पादन की लागत कम होगी और उनकी आमदनी बढ़ेगी।

सौर ऊर्जा आधारित बिजली से किसानों को होने वाले लाभ

सौर ऊर्जा आधारित बिजली किसानों के लिए कई तरह से फायदेमंद होगी:

  1. कम लागत – सौर ऊर्जा से मिलने वाली बिजली की लागत डीजल और कोयला आधारित बिजली से काफी कम होगी।
  2. निरंतर आपूर्ति – सोलर पावर प्लांट से बिजली की आपूर्ति बिना किसी रुकावट के की जा सकेगी।
  3. पर्यावरण अनुकूल – सौर ऊर्जा से प्रदूषण नहीं होता और यह हरित ऊर्जा स्रोतों में से एक है।
  4. कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी – सस्ती बिजली मिलने से किसान अधिक और बेहतर उत्पादन कर सकेंगे।
  5. राज्य की आत्मनिर्भरता – इस पहल से बिहार राज्य अपनी ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर होगा।

किसानों के लिए यह योजना क्यों महत्वपूर्ण है?

बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां अधिकांश लोग खेती पर निर्भर हैं। बिजली की अनुपलब्धता के कारण किसानों को सिंचाई के लिए डीजल पंपों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे उनकी लागत अधिक बढ़ जाती थी। सरकार की इस योजना से किसानों को अब सस्ती और स्थायी बिजली मिलेगी, जिससे वे अपनी फसलों की बेहतर तरीके से सिंचाई कर सकेंगे।

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