Loan Recovery: आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है जब व्यापार में घाटा हो या नौकरी से हाथ धोना पड़े. इस स्थिति में आपका धन खोना न केवल मानसिक तनाव देता है बल्कि आर्थिक रूप से भी कमजोर कर सकता है. इसलिए, वित्तीय योजना बनाना और आपातकालीन फंड सेट अप करना चाहिए जो आपको संकट के समय में सुरक्षित रख सके.
कर्जदारों के लिए कानूनी संरक्षण
जब कोई व्यक्ति या व्यवसाय कर्ज नहीं चुका पाता, तो उनके पास कुछ कानूनी अधिकार (legal rights) होते हैं जो उनकी संपत्ति की रक्षा करते हैं. ऋणदाता (lenders) केवल सुरक्षित ऋण पर गिरवी रखी संपत्ति को जब्त कर सकते हैं और वह भी पूर्व सूचना (prior notice) के साथ. यह सुनिश्चित करता है कि उधारकर्ताओं को उचित चेतावनी मिले और वे अपनी स्थिति सुधारने का प्रयास कर सकें.
नोटिस अवधि का महत्व
भारतीय बैंकिंग प्रणाली में, यदि कोई उधारकर्ता 90 दिनों तक अपनी किस्तों का भुगतान नहीं करता है, तो उनके खाते को गैर-प्रदर्शनकारी एसेट (non-performing asset) में बदल दिया जाता है. इस स्थिति में, बैंक को डिफॉल्टर को 60 दिन की नोटिस देनी होती है, जिससे उन्हें अपने वित्तीय मामलों को सुधारने का मौका मिलता है.
बैंक द्वारा संपत्ति बेचने का तरीका
यदि उधारकर्ता नोटिस अवधि के दौरान भुगतान नहीं करता है तो बैंक को संपत्ति बेचने के लिए आगे बढ़ने से पहले 30 दिन का सार्वजनिक नोटिस (public notice) जारी करना पड़ता है जिसमें बिक्री की सभी जानकारियां शामिल होती हैं.
एसेट की नीलामी और उचित मूल्य
बैंक या वित्तीय संस्थान एसेट की नीलामी से पहले उसका उचित मूल्य (fair value) निर्धारित करते हैं. बॉरोअर के पास इस नीलामी को चुनौती देने का अधिकार होता है अगर वे मानते हैं कि एसेट का मूल्य कम आंका गया है.
बकाया पैसे की वसूली के अधिकार
यदि संपत्ति बिक्री के बाद बैंक को अधिक राशि होती है तो उसे अतिरिक्त पैसा उधारकर्ता को वापस करना होता है. यह सुनिश्चित करता है कि उधारकर्ता को उसकी संपत्ति की सही और निष्पक्ष वैल्यू (fair value) मिले.
रिकवरी एजेंटों का उपयोग और ग्राहक संरक्षण
बैंक अपने बकाया वसूलने के लिए रिकवरी एजेंटों (recovery agents) को नियुक्त करते हैं. ये एजेंट ग्राहकों से संपर्क कर सकते हैं लेकिन उन्हें धमकाने या परेशान करने की अनुमति नहीं है. ग्राहकों के पास इन एजेंटों के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार है, और वे बैंकिंग ओंबड्समैन (banking ombudsman) से संपर्क कर सकते हैं अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है.