Rajasthan News: राजस्थान सरकार शहरीकरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए नए मास्टर प्लान पर काम कर रही है। इसके तहत राज्य के 86 गांवों को शहरों में शामिल किया जाएगा। यह कदम तेजी से बढ़ते शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
मास्टर प्लान के तहत गांवों को शहरों में किया जाएगा शामिल
राजस्थान में शहरी विकास की दिशा में बड़ा बदलाव लाते हुए मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस योजना के तहत 86 गांवों में से 9 को परिसीमन के बाद नगर निगम सीमा में शामिल किया जाएगा, जबकि बाकी 77 गांवों को अगले 26 सालों के भीतर चरणबद्ध तरीके से शहरी क्षेत्र में शामिल किया जाएगा।
हर पांच साल में होगा नगर निगम परिसीमन
योजना के अनुसार, हर पांच साल में होने वाले नगर निगम चुनावों के दौरान परिसीमन किया जाएगा और नए गांवों को शहरों में शामिल किया जाएगा। यह स्ट्रेटजी शहरों के सुव्यवस्थित विकास को सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जा रही है।
शहरी क्षेत्र का होगा विस्तार
गांवों को शहरों में शामिल करने से शहरी क्षेत्र का तेजी से विस्तार होगा। इस बार इन गांवों को नगर निगम परिसीमन के तहत शहरी क्षेत्र में जोड़ा जा रहा है:
- ग्राम पंचायत नंगला रायसिस के राजस्व गांव: नंगला समावदी
- ग्राम पंचायत दिवाकरी के गांव: दिवाकरी
- ग्राम पंचायत बेलाका के गांव: बेलाका, बेरका
- ग्राम पंचायत बाखेड़ा के गांव: लिवारी, भाखेड़ा
मास्टर प्लान में शामिल प्रमुख गांव
मास्टर प्लान के अनुसार, इन 80 गांवों को आने वाले सालों में शहरों में शामिल किया जाएगा:
- पहले चरण में शामिल होने वाले गांव: तूलेड़ा, सालपुरी, खोहरा, गाजूकी, भझीट, सोनावा, रायससी, गूंदपुर, मदनपुरी, नंगला समावदी, झारेड़ा, दादर, धोलीदूब, केरवा जाट, बाढ़ केसरपुर, बल्लाबोड़ा, डाडा, बल्लाना
- दूसरे चरण में शामिल होने वाले गांव: रूंध निदानी, ककराली जाट, उमरैण, रूंध भाखेड़ा, खेड़ली सैयद, चांदूकी, भाखेड़ा, डुमेरा, रायबका, लिवारी, नाहरपुर, मौजदीका, चिकानी, सैंथली, बलदेवबास, किशनपुर, पैंतपुर, श्योदानपुरा, कैमाला, भूगोर, सामोला
- तीसरे चरण में शामिल होने वाले गांव: ईटाराणा, वेरका, चिरखाना, पालका, नांगल झीड़ा, देवखेड़ा, जाहरखेड़ा, लोधाड़ी, बेलाका, उलाहेड़ी, दिवाकरी, ठेकड़ा, मूंगस्का, नगली मुंशी, सिरमौली, खुदनपुर, कडूकी, मिल्कपुर, मन्नाका, जटियाना, कारोली, खानपुर जाट, कीटोड़ा, नंगला चारण, दाउदपुर, गूजूकी, नगलीकोटा
शहरों में शामिल होने से क्या होंगे लाभ?
- बेहतर बुनियादी सुविधाएं: सड़कें, बिजली, पानी, और स्वच्छता जैसी सुविधाएं गांवों में पहुंचेंगी।
- संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी: शहरी क्षेत्रों में आने से संपत्तियों की कीमत बढ़ेगी, जिससे भूमि मालिकों को फायदा होगा।
- रोजगार के अवसर: नई आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
- सुव्यवस्थित विकास: शहरों का बेहतर प्लानिंग के साथ विकास किया जाएगा।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों की सुविधाएं बेहतर होंगी।
दो विभाग संभालेंगे शहरी विकास की जिम्मेदारी
यूआईटी (Urban Improvement Trust) के अनुसार, इन 86 गांवों को नगर निगम में शामिल करने से शहरी क्षेत्र का विस्तार होगा। वर्तमान में भूमि अधिग्रहण और अन्य कार्यों की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है, लेकिन इन गांवों के शहरों में शामिल होने के बाद दो विभाग इस कार्य को मिलकर करेंगे, जिससे विकास की गति तेज होगी।