हरियाणा के 708 सस्ते फ्लैट के आवंटन पर लगी रोक, 51000 लोगों की उड़ी रातों की नींद Haryana Flats Allotment

Ravi Kishan
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Haryana Flats Allotment: हरियाणा सरकार ने सोहना में 708 किफायती फ्लैट्स के आवंटन पर तत्काल रोक लगा दी है। नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि फ्लैट्स के सभी लाभार्थियों का पता सोहना का ही निकला, जिससे गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। इस वजह से सरकार ने इस योजना की जांच के लिए आदेश दिए हैं और जांच के बाद ही आगे कोई फैसला लिया जाएगा।

शॉर्टलिस्टेड लाभार्थी सोहना के ही क्यों?

इस योजना के तहत फ्लैट्स का आवंटन ई-ड्रॉ पोर्टल के माध्यम से किया गया था। जानकारी के अनुसार, इन फ्लैट्स के लिए 51,000 से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। लेकिन जब शॉर्टलिस्टेड लाभार्थियों की सूची सामने आई, तो उसमें सभी का पता सोहना का ही पाया गया। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया और आवंटन को तुरंत रोक दिया गया।

10 दिनों में रिपोर्ट देने के आदेश

हरियाणा सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए मुख्य नगर योजनाकार को निर्देश दिया है कि वे 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सरकार इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह टेक्निकल गलती थी या फिर जानबूझकर कोई गड़बड़ी की गई है।

2016 में शुरू हुई थी किफायती आवास योजना

हरियाणा सरकार ने 2016 में किफायती आवास नीति के तहत इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों को सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराना था। वर्तमान में गुरुग्राम में निर्धारित किफायती फ्लैटों की दर 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट है।

ई-ड्रॉ पोर्टल पर 27 जनवरी को हुआ था आवंटन

सरकार ने बताया कि 18 फरवरी को जारी आदेश के अनुसार, 27 जनवरी को सेक्टर 36, सोहना में इन 708 फ्लैट्स के लिए ऑनलाइन ड्रॉ निकाला गया था। इस ड्रॉ में 51,586 आवेदकों में से कुछ को शॉर्टलिस्ट किया गया था। लेकिन जब लास्ट सूची सामने आई, तो पाया गया कि सभी लाभार्थी केवल सोहना शहर के ही थे।

सरकारी नीति में एक शहर को प्राथमिकता

सरकार ने साफ किया है कि किफायती आवास योजना के तहत किसी एक शहर को प्राथमिकता नहीं दी जा सकती। ड्रॉ में सभी पात्र आवेदकों को समान अवसर दिया जाता है। इस मामले में ईररेग्यलेरटी मिलने के कारण इसे तत्काल असर से रोक दिया गया है।

वरिष्ठ नगर योजनाकार रेनूका सिंह ने बताई गड़बड़ी की वजह

गुरुग्राम की वरिष्ठ नगर योजनाकार रेनूका सिंह ने बताया कि उनके कार्यालय ने सबसे पहले इस गड़बड़ी को पकड़ा। इसके बाद ही सरकार ने ड्रॉ के परिणामों को रोकने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि कुछ लाभार्थियों ने दिल्ली और हरियाणा के अन्य हिस्सों से आवेदन किया था, लेकिन उन्होंने अपने पते में सोहना दर्ज कराया, जिससे उन्हें आवंटन मिल गया।

तकनीकी खामी या जानबूझकर की गई गड़बड़ी?

इस पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है। सरकार इस बात की जांच कर रही है कि यह तकनीकी खराबी के कारण हुआ या फिर इसमें किसी प्रकार की धांधली की गई। तकनीकी खामी होने की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन इसे लेकर अभी बड़ी जांच जारी है।

अगले 10 दिनों में सामने आएगी रिपोर्ट

इस मामले की जांच जारी है और अगले 10 दिनों में इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। यदि इसमें कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार इस मामले में पूरी पारदर्शिता बनाए रखना चाहती है ताकि आम जनता का ट्रस्ट सरकारी योजनाओं पर बना रहे।

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